Karva Chauth Chhanni Ritual : देशभर में करवा चौथ का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। यह व्रत केवल धार्मिक रस्म नहीं बल्कि प्यार, त्याग और समर्पण का प्रतीक भी है।
इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ की सबसे खास बात है छन्नी से पति और चंद्रमा को देखना।
इस परंपरा की खूबसूरती और पीछे छिपा भाव दिल को छू जाता है। करवा चौथ की रस्में कई सालों से चली आ रही हैं और इनकी धार्मिक मान्यता वेद-पुराणों में भी देखने को मिलती है।
छन्नी से पति देखने की परंपरा का रहस्य
छन्नी में कई छोटे-छोटे छेद होते हैं। जब इससे चंद्रमा देखा जाता है, तो उसके कई प्रतिबिंब दिखाई देते हैं। इसके बाद उसी छन्नी से पति का चेहरा देखा जाता है।
माना जाता है कि जितने प्रतिबिंब दिखाई देते हैं, पति की आयु उतनी ही बढ़ती है। यही वजह है कि करवा चौथ के व्रत को छन्नी के बिना अधूरा माना जाता है।
छन्नी से देखने के बाद सुहागिन महिलाएं चंद्रदेव को अर्घ्य देती हैं और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
अविवाहित लड़कियां भी अपने मनचाहे वर को पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। ध्यान रहे, चांद को देखे बिना व्रत खोलना शुभ नहीं माना जाता।
पुराणों में करवा चौथ की कहानी
वेद और पुराणों में करवा चौथ को करक चतुर्थी कहा गया है। पुराणों के अनुसार, प्रजापति दक्ष ने चंद्रदेव को श्राप दिया था कि उनकी चमक धीरे-धीरे कम हो जाएगी। इस पर चंद्रदेव भगवान शिव के पास गए।
शिवजी ने कहा कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यदि कोई चंद्रमा को देखे, तो उसके सारे दोष मिट जाएंगे। यही कारण है कि करवा चौथ का पर्व अत्यंत शुभ माना जाता है।
करवा चौथ केवल व्रत ही नहीं, बल्कि पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण की भावना का प्रतीक है। यह पर्व हर वर्ष हमारे जीवन में प्यार, श्रद्धा और उत्साह भरता है।
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