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सोना अब होगा और सस्ता! 88,000 रुपये तक गिरेंगे दाम, खरीदने का मौका?

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सोने के दामों में हाल के दिनों में लगातार गिरावट ने निवेशकों और खरीदारों को सोच में डाल दिया है। एक समय रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा सोना अब तेजी से नीचे आ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अभी थमने वाली नहीं है। क्या यह सोना खरीदने का सही मौका है, या अभी और इंतजार करना चाहिए? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि सोने की कीमतें (Gold Rate) कहां तक जा सकती हैं।
 

सोने का रॉकेट उतर रहा है धरती पर
पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतें आसमान छू रही थीं। 24 कैरेट सोने ने 10 ग्राम के लिए 1 लाख रुपये का आंकड़ा पार कर लिया था, जिससे शादी के सीजन में ज्वैलर्स की दुकानें सूनी रह गई थीं। खरीदारों के लिए सोना खरीदना मुश्किल हो गया था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। सोने ने अपनी रॉकेट की सवारी छोड़ दी है और कीमतें तेजी से नीचे आ रही हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार, सोना अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 8% तक गिर चुका है। यह गिरावट उन लोगों के लिए राहत की खबर है जो सोने में निवेश या आभूषण खरीदने की योजना बना रहे हैं।
 

ऐतिहासिक उछाल के बाद गिरावट
सोने की कीमतों में इस साल की शुरुआत में जबरदस्त उछाल देखा गया। महज एक महीने में 10 ग्राम सोने की कीमत 18,000 रुपये से ज्यादा बढ़ गई थी। 2024 में पूरे साल के दौरान सोने की कीमतों में करीब 12,000 रुपये की वृद्धि हुई थी। लेकिन अब यह तेजी थम गई है, और सोना नीचे की ओर लुढ़क रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट (price drop) वैश्विक और घरेलू कारकों का परिणाम है, जिसके चलते सोने की मांग में कमी आई है। निवेशक अब सोने की बजाय शेयर बाजार जैसे जोखिम वाले विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।
 

आज के सोने के दाम
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 24 कैरेट सोने की कीमत 92,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई है। वहीं, 22 कैरेट सोना 91,930 रुपये प्रति 10 ग्राम और 18 कैरेट सोना 70,244 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। यह कीमतें कुछ महीने पहले के मुकाबले काफी कम हैं। एक्सिस सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, सोने की कीमतें पहली बार दिसंबर के बाद 50-दिन के मूविंग एवरेज से नीचे बंद हो सकती हैं, जो कमजोरी का संकेत है। यह स्थिति निवेशकों के लिए (investment opportunity) का संकेत हो सकती है, लेकिन सावधानी जरूरी है।

कीमतों में गिरावट के पीछे क्या है वजह?
सोने की कीमतों में इस गिरावट के पीछे कई वैश्विक कारक जिम्मेदार हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कमजोर पड़ रही हैं, जिससे सोने की मांग में कमी आई है। उच्च ब्याज दरें निवेशकों को बॉन्ड्स और शेयरों की ओर आकर्षित करती हैं, जिससे सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों की चमक फीकी पड़ जाती है। इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर (trade war) में नरमी ने भी बाजार में स्थिरता लाई है, जिससे निवेशक जोखिम वाले एसेट्स की ओर बढ़ रहे हैं। मुनाफावसूली भी एक बड़ा कारण है। जब अप्रैल 2022 में सोने की कीमतें 1 लाख रुपये को पार गई थीं, तब से निवेशक अपने मुनाफे को भुनाने में जुट गए, जिससे बिकवाली बढ़ी और कीमतें गिरीं।

अगले कुछ महीनों में क्या होगा?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि सोने की कीमतें निकट भविष्य में और कम हो सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,000 से 3,050 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकती है, जो भारतीय बाजार में 87,000 से 88,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास होगी। यह अनुमान महीने भर के भीतर सोने के दामों को इस स्तर तक ला सकता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में सोना फिर से तेजी पकड़ सकता है, क्योंकि भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं और सेंट्रल बैंकों की खरीदारी (central bank buying) सोने को समर्थन दे रही है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे गिरावट के इस दौर में धीरे-धीरे खरीदारी करें, ताकि औसत लागत कम रखी जा सके।

क्या करें निवेशक और खरीदार?
सोने की कीमतों में यह गिरावट उन लोगों के लिए सुनहरा अवसर हो सकती है जो शादी के लिए आभूषण खरीदने या निवेश करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। सोने में निवेश हमेशा लंबी अवधि के लिए करना चाहिए, क्योंकि यह सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देता है। अगर आप सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो 24 कैरेट या 22 कैरेट सोने को प्राथमिकता दें, क्योंकि यह शुद्धता और मूल्य के मामले में बेहतर होता है। इसके अलावा, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (sovereign gold bonds) भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जो बाजार मूल्य से कम कीमत पर सोना और अतिरिक्त ब्याज प्रदान करता है।

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