Haryana Robot Teacher: शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक ने नई क्रांति ला दी है। हरियाणा के सोनीपत में स्वर्णप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल ने इस दिशा में एक अनोखा कदम उठाया है। यहां अब बच्चों को मानव शिक्षकों के साथ-साथ एक खास मेहमान, एआई आधारित रोबोट टीचर ‘आइरिस’, पढ़ाएगा। यह हरियाणा का पहला स्कूल है, जिसने शिक्षा को इतने आधुनिक और रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया है। आइए, जानते हैं कि कैसे यह रोबोटिक टीचर बच्चों के भविष्य को नया आकार दे रहा है।
‘आइरिस’ का अनूठा स्वागत
स्वर्णप्रस्थ स्कूल ने लाखों रुपये की लागत से इस अत्याधुनिक रोबोटिक टीचर को अपने परिसर में लाया है। ‘आइरिस’ को विशेष रूप से अंग्रेजी भाषा की शिक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह न केवल बच्चों के सवालों का जवाब देता है, बल्कि पाठ्यक्रम को रोचक और इंटरैक्टिव तरीके से समझाता भी है।
कक्षा में इसकी मौजूदगी बच्चों को तकनीक के साथ जोड़ने का एक शानदार तरीका है। स्कूल के उप-प्राचार्य एस.पी. सिंह ने गर्व के साथ कहा, “हम डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य बच्चों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना है, और ‘आइरिस’ इसमें हमारी मदद करेगा।”
बच्चों का उत्साह और नया अनुभव
‘आइरिस’ के साथ पढ़ाई का अनुभव बच्चों के लिए किसी जादू से कम नहीं है। दसवीं कक्षा की छात्रा अनन्या शर्मा कहती हैं, “पहली बार जब मैंने आइरिस को देखा, तो मुझे विश्वास नहीं हुआ कि एक रोबोट हमें पढ़ा सकता है। यह हमारे सवालों का जवाब इतनी आसानी से देता है कि पढ़ाई अब पहले से कहीं ज्यादा मजेदार लगती है।” हालांकि, अनन्या यह भी मानती हैं कि मानव शिक्षकों की जगह कोई नहीं ले सकता, लेकिन आइरिस ने निश्चित रूप से कक्षा को और जीवंत बना दिया है।
तकनीक और शिक्षा का अनूठा मेल
‘आइरिस’ को लॉन्च करने के दौरान स्कूल में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान बच्चों ने उत्साह के साथ रोबोट टीचर के साथ बातचीत की। आइरिस ने अंग्रेजी के कठिन व्याकरण नियमों को सरलता से समझाया और बच्चों के सवालों का जवाब तुरंत दिया। यह नजारा देखकर यह स्पष्ट हो गया कि तकनीक और शिक्षा का यह मेल भविष्य में शिक्षा के तरीकों को पूरी तरह बदल सकता है।
हरियाणा में शिक्षा का नया युग
स्वर्णप्रस्थ स्कूल की यह पहल न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू कर रही है। यह दर्शाता है कि कैसे तकनीक का सही उपयोग बच्चों को बेहतर अवसर प्रदान कर सकता है। यह कदम न केवल छात्रों को डिजिटल युग के लिए तैयार करेगा, बल्कि शिक्षकों को भी नई शिक्षण तकनीकों से जोड़ेगा।
‘आइरिस’ जैसे रोबोट टीचर शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शुरुआत हैं। यह पहल दर्शाती है कि तकनीक और मानव शिक्षकों का संयोजन बच्चों के लिए एक संपूर्ण और रोचक सीखने का अनुभव बना सकता है। हरियाणा का यह स्कूल न केवल शिक्षा को आधुनिक बना रहा है, बल्कि अन्य स्कूलों के लिए भी एक प्रेरणा बन रहा है। आने वाले समय में ऐसी और पहलें शिक्षा को और समृद्ध करेंगी।
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