8th Pay Commission : केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। एंबिट कैपिटल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) वित्त वर्ष 2026-27 (FY27) में लागू हो सकता है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी और पेंशन में 30-34% तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
इस बदलाव से करीब 1.12 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे, जिसका असर न सिर्फ उनकी जेब पर पड़ेगा, बल्कि बाजार में खपत को भी बढ़ावा मिलेगा। आइए, इस खबर को और करीब से समझते हैं कि यह आपके लिए क्या मायने रखती है और किन-किन क्षेत्रों पर इसका असर होगा।
किन सेक्टर्स को मिलेगा फायदा?
एंबिट कैपिटल की रिपोर्ट बताती है कि 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू होने से कई सेक्टर्स में तेजी देखने को मिल सकती है। पैसेंजर व्हीकल्स (गाड़ियां), बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं (BFSI), तेजी से बिकने वाले सामान (FMCG), और फास्ट फूड चेन (QSR) जैसे क्षेत्रों को इसका सीधा फायदा होगा।
हालांकि, इस फायदे का दायरा इस बात पर निर्भर करेगा कि वेतन में कितनी बढ़ोतरी होती है, फिटमेंट फैक्टर क्या तय होता है, और आयोग कब लागू होता है। अगर इसमें देरी होती है, तो कर्मचारियों को बकाया (एरियर) के रूप में ज्यादा रकम मिल सकती है, जिससे एकमुश्त खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और बाजार में मांग को बल मिलेगा।
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद?
रिपोर्ट के अनुसार, 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) निचले स्तर के कर्मचारियों की सैलरी में 14% और ऊपरी स्तर पर 54% तक की बढ़ोतरी कर सकता है। इस बदलाव से सरकार पर करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
इस रकम को जुटाने के लिए सरकार को पूंजीगत खर्च (Capex) में कटौती, GST दरों में सुधार, या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) से डिविडेंड पर ज्यादा निर्भरता जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं। खासकर तब, जब टैक्स से होने वाली आय धीमी पड़ रही हो और सरकारी खर्च पहले से तय हो। यह बदलाव न सिर्फ कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति दे सकता है।
7वां वेतन आयोग कैसा रहा?
7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission), जो जनवरी 2016 से दिसंबर 2025 तक लागू है, में औसतन सिर्फ 14% की सैलरी बढ़ोतरी हुई थी, जो 1970 के बाद सबसे कम थी। उस दौरान सरकार ने राजस्व खर्च (Revex) को संभालने के लिए पूंजीगत खर्च (Capex) में कटौती की थी।
अब, जब इनकम टैक्स जैसे स्रोतों से आय धीमी हो रही है, सरकार को PSUs से डिविडेंड, GST सुधार, या अन्य वित्तीय उपायों पर ध्यान देना होगा। 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) इस लिहाज से एक बड़ा कदम हो सकता है, जो न सिर्फ कर्मचारियों को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि बाजार की गतिशीलता को भी बढ़ाएगा।
पेंशन में भी होगा बदलाव
वित्त वर्ष 2026 से लागू होने वाली यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) के तहत सरकार की पेंशन फंड में हिस्सेदारी 14% से बढ़कर 18.5% हो गई है। इसमें से 8.5% हिस्सा सरकार अपनी मर्जी से अलग-अलग निवेश साधनों में लगा सकती है।
अगर सरकार अंतरराष्ट्रीय मानदंडों को अपनाते हुए इस राशि का 45% शेयर बाजार में निवेश करती है, तो शेयर बाजार में निवेश 24,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 46,500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह FY25 के नेट डोमेस्टिक फ्लो का करीब 7.7% होगा, जो शेयर बाजार को और मजबूती देगा।
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