उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली महक की जिंदगी उस वक्त बदल गई, जब पारिवारिक दबाव और सामाजिक रूढ़ियों ने उसे अपने प्यार और आजादी के लिए एक बड़ा फैसला लेने पर मजबूर किया। तीन साल पहले बरेली के बाकरगंज में महक की मुलाकात ऋषि राय से हुई थी। यह मुलाकात धीरे-धीरे गहरे प्यार में बदल गई। लेकिन, परिवार की असहमति और एक फुफेरे भाई की गलत नीयत ने महक को न केवल अपने घर से दूर किया, बल्कि एक नया रास्ता चुनने के लिए प्रेरित भी किया। आखिरकार, महक ने हिंदू धर्म अपनाकर अपने प्रेमी Rishi Rai के साथ हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली। यह शादी आचार्य Kk Shankhdhar ने संपन्न कराई, जिसने इस जोड़े को एक नई जिंदगी का आशीर्वाद दिया।
प्यार की शुरुआत और परिवार की मुश्किलेंमहक की जिंदगी की शुरुआत बरेली के बाकरगंज मोहल्ले में हुई, जहां वह अपने माता-पिता के साथ रहती थी। पड़ोस के कुंवरपुर तलैया में रहने वाले Rishi Rai से उनकी मुलाकात एक संयोग थी, जो जल्द ही प्यार में बदल गया। दोनों के बीच बातचीत बढ़ी और एक-दूसरे के लिए गहरी भावनाएं पनपने लगीं। लेकिन, महक की जिंदगी में मुश्किलें तब शुरू हुईं, जब उनके पिता का देहांत हो गया और उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली। सौतेले पिता की गलत नजर और परिवार का दबाव महक के लिए असहनीय हो गया। इसके बाद वह अपनी ननिहाल काशीपुर चली गईं, लेकिन वहां भी उन्हें अपने फुफेरे भाई की गलत हरकतों का सामना करना पड़ा।
फुफेरे भाई का दबाव और निकाह की जिदमहक ने आचार्य Kk Shankhdhar को बताया कि उनका फुफेरा भाई उन पर गलत नजर रखता था और उनसे निकाह करने का दबाव डालता था। परिवार के लोग भी इस दबाव में उसकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। इस स्थिति से तंग आकर महक ने Rishi Rai को अपनी परेशानी बताई। प्यार और भरोसे ने उन्हें हिम्मत दी, और महक ने अपने परिवार को छोड़कर Rishi के साथ जाने का फैसला किया। यह कदम उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन यह उनकी आजादी और सम्मान की लड़ाई थी।
हिंदू धर्म में मिली नई पहचानमहक ने बताया कि उन्हें मुस्लिम धर्म के कुछ रीति-रिवाज, जैसे हिजाब, बहुविवाह, और हलाला, पसंद नहीं थे। इन नियमों से वह खुद को बंधन में महसूस करती थीं। हिंदू धर्म में उन्हें वह सम्मान और सुरक्षा मिली, जो वह चाहती थीं। अपनी मर्जी से हिंदू धर्म अपनाने के बाद महक ने Rishi Rai के साथ हिंदू रीति-रिवाज से शादी की। इस शादी ने न केवल उनकी जिंदगी को नई दिशा दी, बल्कि समाज के सामने एक मिसाल भी कायम की।
You may also like
तेज प्रताप यादव ने आरजेडी से निकाले जाने के बाद पहली बार क्या कहा?
ओपाल सुचाता: ब्रेस्ट ट्यूमर सर्वाइवर से लेकर मिस वर्ल्ड बनने तक का सफ़र
राजकुमार राव की 'भूल चूक माफ' ने बॉक्स ऑफिस पर मचाई धूम
किडनी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक आदतें: जानें क्या करें और क्या न करें
रविवार के दिन ऐसे करें हनुमान जी की आरती, बनी रहेगी कृपा, वीडियो में जानें पूजा की विधि