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ढाई साल तक नहीं मिलेगा चैन! शनि की साढ़ेसाती में उलझेंगी ये 3 राशियाँ

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ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक कठोर लेकिन न्यायप्रिय ग्रह माना जाता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का नाम सुनते ही कई लोगों के मन में डर और उत्सुकता दोनों जाग उठते हैं। अगले ढाई साल तक कुछ राशियां शनि की इस विशेष दशा से प्रभावित होंगी, जिसका असर उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ सकता है। आइए, इस लेख में हम जानते हैं कि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या क्या हैं, ये किन राशियों को प्रभावित करेंगी, और इन प्रभावों से निपटने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। यह लेख ज्योतिष के प्रति उत्साही लोगों के लिए उपयोगी, विश्वसनीय, और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करता है, जो ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुभव और ज्ञान पर आधारित है।

शनि की साढ़ेसाती एक ऐसी ज्योतिषीय : "शनि की साढ़े साती और ढैया क्या है ? एक ज्योतिषी से जानिए" सात साल तक चलने वाली यह अवधि तब शुरू होती है जब शनि किसी व्यक्ति की राशि से बारहवें, पहले, और दूसरे भाव में गोचर करता है। यह समय जीवन में चुनौतियां, परिवर्तन, और आत्ममंथन का कारण बन सकता है। दूसरी ओर, ढैय्या चार साल की वह अवधि है जब शनि राशि के चौथे या आठवें भाव में होता है, जो अपेक्षाकृत कम तीव्र होती है। इन दशाओं का प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है, जो उनकी कुंडली और जीवनशैली पर निर्भर करता है।

कौन सी राशियां होंगी प्रभावित?

ज्योतिषियों के अनुसार, अगले ढाई साल में मिथुन, कर्क, और सिंह राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। वहीं, वृश्चिक और मीन राशि वाले ढैय्या के प्रभाव में होंगे। मिथुन राशि वालों को करियर और रिश्तों में बदलाव का सामना करना पड़ सकता है, जबकि कर्क राशि वालों को स्वास्थ्य और वित्तीय मामलों में सावधानी बरतने की जरूरत होगी। सिंह राशि वालों के लिए यह समय आत्मविश्वास और धैर्य की परीक्षा ले सकता है। वृश्चिक और मीन राशि वालों को ढैय्या के कारण मानसिक तनाव और निर्णय लेने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि शनि हमेशा नकारात्मक प्रभाव नहीं लाता; यह कठिनाइयों के साथ-साथ अनुशासन और सफलता के नए अवसर भी प्रदान करता है।

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