हर देश की अर्थव्यवस्था का आधार टैक्स होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां लोग अपनी कमाई का एक भी पैसा टैक्स में नहीं देते? जी हां, इन देशों में न इनकम टैक्स है, न ही कोई दूसरा प्रत्यक्ष कर। फिर भी इनकी अर्थव्यवस्था न सिर्फ मजबूत है, बल्कि कई मामलों में दुनिया के बड़े देशों को टक्कर देती है।
सवाल यह है कि आखिर ये देश बिना टैक्स के इतनी समृद्धि कैसे हासिल करते हैं? आइए, उन देशों की कहानी जानते हैं जो टैक्स-फ्री जिंदगी (Tax-Free Economy) का सपना सच कर रहे हैं और उनकी अर्थव्यवस्था का रहस्य समझते हैं।
यूएई
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) टैक्स-फ्री देशों (Tax-Free Economy) में सबसे चमकता नाम है। यहां न तो इनकम टैक्स है और न ही कोई अन्य प्रत्यक्ष कर। सरकार वैट जैसे अप्रत्यक्ष करों और तेल निर्यात से होने वाली मोटी कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करती है। दुबई और अबू धाबी जैसे शहर पर्यटकों के लिए स्वर्ग हैं।
विशाल शॉपिंग मॉल, लक्जरी होटल और थीम पार्क हर साल लाखों सैलानियों को खींचते हैं। पर्यटन (Tourism) और तेल की ताकत ने यूएई को इतना समृद्ध बना दिया है कि सरकार को अपने नागरिकों से टैक्स लेने की जरूरत ही नहीं पड़ती। नतीजा? लोग अपनी पूरी कमाई अपने पास रखते हैं और खुशहाल जिंदगी जीते हैं।
खाड़ी के रत्न
खाड़ी देशों में बहरीन भी टैक्स-फ्री जिंदगी (Tax-Free Economy) का शानदार उदाहरण है। यहां की अर्थव्यवस्था तेल और मजबूत बैंकिंग सेक्टर पर टिकी है। बहरीन में न इनकम टैक्स है, न ही कोई दूसरा प्रत्यक्ष कर। इसी तरह कुवैत, जो दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातकों में से एक है, अपनी तेल संपदा के दम पर टैक्स-फ्री नीति (Tax-Free Economy) को बरकरार रखता है।
ओमान भी इस सूची में शामिल है, जहां तेल और गैस के भंडार अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इन देशों की सरकारें प्राकृतिक संसाधनों से इतनी कमाई कर लेती हैं कि उन्हें जनता पर टैक्स का बोझ डालने की जरूरत नहीं पड़ती।
सऊदी अरब
सऊदी अरब भी उन देशों में शुमार है जहां लोग बिना इनकम टैक्स के जिंदगी जीते हैं। यहां की अर्थव्यवस्था तेल पर आधारित है, लेकिन सरकार वैट जैसे अप्रत्यक्ष करों से भी अच्छी-खासी कमाई करती है। सऊदी अरब ने हाल के वर्षों में अपनी अर्थव्यवस्था को विविध बनाने की कोशिश की है, जिसमें पर्यटन (Tourism) और निवेश जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
फिर भी, तेल की ताकत इस देश को दुनिया की सबसे समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं में बनाए रखती है, और नागरिकों को टैक्स-फ्री जिंदगी (Tax-Free Economy) का लाभ मिलता रहता है।
कतर
कतर भले ही आकार में छोटा हो, लेकिन तेल और गैस के मामले में इसका रुतबा बड़ा है। यहां के लोग इनकम टैक्स से पूरी तरह मुक्त हैं। कतर की सरकार तेल और गैस निर्यात से इतनी कमाई करती है कि उसे जनता से टैक्स वसूलने की जरूरत नहीं पड़ती। यह देश अपनी आर्थिक नीतियों (Economic Policies) और बुनियादी ढांचे के दम पर दुनिया भर में जाना जाता है। कतर की टैक्स-फ्री नीति (Tax-Free Economy) और समृद्ध जीवनशैली इसे निवेशकों और पर्यटकों के लिए भी आकर्षक बनाती है।
द बहमास और ब्रुनेई
वेस्टर्न हेमिस्फीयर में बसा द बहमास पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना है। इसके खूबसूरत समुद्र तट और रिसॉर्ट्स हर साल लाखों सैलानियों को आकर्षित करते हैं। यहां की सरकार पर्यटन (Tourism) और अप्रत्यक्ष करों से अपनी जरूरतें पूरी करती है, जिससे नागरिकों को इनकम टैक्स से छूट मिलती है। दूसरी ओर, साउथ ईस्ट एशिया का छोटा सा देश ब्रुनेई तेल और गैस के भंडार से समृद्ध है। यहां की सरकार को इतनी कमाई हो जाती है कि उसे अपने नागरिकों से टैक्स लेने की जरूरत नहीं पड़ती।
मोनाको और नौरू
यूरोप का छोटा सा देश मोनाको टैक्स-फ्री नीति (Tax-Free Economy) के लिए मशहूर है। यहां की अर्थव्यवस्था पर्यटन, रियल एस्टेट और फाइनेंशियल सेक्टर पर टिकी है। दूसरी ओर, दुनिया का सबसे छोटा द्वीप राष्ट्र नौरू भी टैक्स-फ्री है। फॉस्फेट माइनिंग इसकी अर्थव्यवस्था का आधार है। ये दोनों देश अपनी अनूठी आर्थिक नीतियों (Economic Policies) के दम पर बिना टैक्स के समृद्धि बनाए रखते हैं।
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