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प्रधानमंत्री मोदी के अतिरिक्त सचिव ने काशी में विकास कार्यों का लिया जायजा

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पर्यटन सुविधाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने पर ज़ोर, प्रमुख मंदिरों में किया दर्शन-पूजन

वाराणसी, 05 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूत (प्रधानमंत्री के अतिरिक्त सचिव)

सुभाशीष पांडा ने शनिवार को वाराणसी पहुंचकर शहर में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उनके इस दौरे का उद्देश्य काशी को पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर और अधिक प्रभावशाली ढंग से स्थापित करना था। उन्होंने कैंट स्थित रोडवेज बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, प्रमुख घाटों, मंदिरों और संग्रहालयों का विस्तार से निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। कैंट रेलवे स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान उन्होंने यात्री सुविधाओं की समीक्षा की और स्टेशन डायरेक्टर अर्पित गुप्ता से स्टेशन विकास की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। द्वितीय प्रवेश द्वार के पुनर्विकास में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। जन सुविधा केंद्र पर उन्होंने टैक्सी, ट्रॉली, होटल, मंदिर, टूर एंड ट्रैवल आदि की बुकिंग सेवाओं की समीक्षा की और पर्यटन सूचना केंद्र पर मौजूद लोगों से संवाद किया।

इसके बाद उन्होंने भारत माता मंदिर पहुंचकर मंदिर में बने अखंड भारत के नक्शे और वहां दी गई ऐतिहासिक लिपियों की जानकारी प्राप्त की। मंदिर संरक्षक राजू सिंह ने उन्हें देवनागरी, ब्राह्मी और सिंधु लिपि के इतिहास से अवगत कराया।

दुर्गाकुंड स्थित आनंद वन पार्क और मंदिर परिसर का निरीक्षण करते हुए सचिव ने पार्क के पास स्थित खंडहरनुमा इमारत की पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिए। इसके उपरांत तुलसी मानस मंदिर व श्री संकट मोचन मंदिर में भी उन्होंने दर्शन-पूजन किया।

—घाटों और सांस्कृतिक स्थलों का अवलोकन

सुभाशीष पांडा ने अस्सी घाट पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पास के मंदिरों के ऐतिहासिक महत्व और रामनगर की रामलीला सहित काशी की पारंपरिक विरासत पर मंडलायुक्त एस. राजलिंगम से जानकारी ली। इसके बाद दशाश्वमेध घाट पहुंचे जहां उन्होंने शीतला माता मंदिर, हनुमान मंदिर और दशाश्वमेध सरोवर का भी भ्रमण किया।

मान महल मंदिर स्थित म्यूजियम में उन्होंने वीडियो क्लिप्स, थ्री-डी मॉडल और भित्तिचित्रों के माध्यम से काशी की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को समझा।

इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर और काल भैरव मंदिर में दर्शन-पूजन कर उन्होंने नगर की आध्यात्मिक ऊर्जा को आत्मसात किया।

—सारनाथ और अर्बन हाट का निरीक्षण

चौकाघाट स्थित अर्बन हाट का निरीक्षण करने के बाद सचिव सारनाथ पहुंचे, जहां उन्होंने चौखंडी स्तूप, पुरातात्विक संग्रहालय, धमेख स्तूप, मूलगंध कुटी विहार और थाई बुद्ध विहार सहित कई महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण किया। उन्होंने भगवान बुद्ध से जुड़ी प्रतिमाओं, भित्तिचित्रों, नगरी लिपि के विकास और बौद्ध धर्म की प्रमुख घटनाओं की जानकारी प्राप्त की। धम्मचक्र, चैत्यगृह और अशोक स्तंभ को देखकर उन्होंने गहरी रुचि जताई।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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