शिमला, 17 मई . हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की हटली शाखा (जिला चंबा) में एक सनसनीखेज साइबर ठगी का मामला सामने आया है. अज्ञात साइबर अपराधियों ने बैंक का सर्वर हैक कर मात्र दो दिनों में एक खाते से कुल 11.55 करोड़ रुपये निकाल लिए. यह धोखाधड़ी बैंक अवकाश के दिनों में की गई जब आमतौर पर कोई लेन-देन नहीं होता.
घटना 11 और 12 मई की है. 11 मई को रविवार का साप्ताहिक अवकाश था और 12 मई को बुध पूर्णिमा का सार्वजनिक अवकाश घोषित था. इन दोनों ही दिनों बैंक बंद था. लेकिन फिर भी आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए बड़ी मात्रा में राशि विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दी गई.
बैंक को जब इस असामान्य गतिविधि का पता चला, तो आंतरिक जांच के बाद तुरंत शिमला साइबर सेल को सूचित किया गया. बैंक के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी ने शिमला के सदर थाने में लिखित शिकायत दर्ज करवाई. इसमें सर्वर हैकिंग के माध्यम से हुई इस धोखाधड़ी को गंभीर साइबर अपराध बताया गया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.
शिमला पुलिस ने इस शिकायत को जीरो एफआईआर के रूप में दर्ज कर राज्य साइबर सेल को जांच सौंपी है. शिमला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवदीप सिंह ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में यह हाई-टेक साइबर फ्रॉड प्रतीत हो रहा है और गहराई से छानबीन शुरू कर दी गई है.
बैंक से प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन डेटा और अन्य दस्तावेजों की तकनीकी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि रकम किन खातों में और कहां स्थानांतरित की गई. वहीं डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि मामले की जांच जारी है.
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नोडल एजेंसी सीईआरटी-इन की टीम को भी जांच में शामिल किया गया है. यह टीम शनिवार को शिमला पहुंच रही है और राज्य साइबर सेल के साथ मिलकर डिजिटल फॉरेंसिक विश्लेषण करेगी.
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा ने बताया कि इस ठगी को बैंक के सर्वर पर हमला करके अंजाम दिया गया है, लेकिन बैंक के ग्राहकों की जमा राशि सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि ट्रांसफर की गई अधिकांश राशि को ट्रेस कर होल्ड कर लिया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि बैंक पहले से ही साइबर इंश्योरेंस के दायरे में है, जिससे होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी. बैंक अब साइबर सुरक्षा को और मज़बूत करने के लिए इन्फोसिस के अत्याधुनिक फिनेकल-10 सॉफ्टवेयर पर शिफ्ट होने की प्रक्रिया में है.
यह पहली बार नहीं है जब हिमाचल में साइबर अपराध इतना बड़ा रूप लेकर सामने आया हो. राज्य में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आम नागरिकों के साथ-साथ सरकारी व निजी संस्थाएं भी इसकी चपेट में आ रही हैं.
साइबर सेल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में हिमाचल में 114 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई है. चिंता की बात यह है कि हर तीन में से एक व्यक्ति किसी न किसी रूप में साइबर अपराधियों का शिकार बन रहा है.
सरकारी आंकड़ों की मानें तो अप्रैल 2025 तक बीते पांच वर्षों में प्रदेश में 39072 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिनमें से करीब 22000 मामले वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े थे.
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/ उज्जवल शर्मा
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