अनूपपुर, 28 मई . कलेक्टर हर्षल पंचोली ने बुधवार को अनूपपुर जिले के शारदा ओपन कास्ट खदान में हाई वॉल माइनिंग पद्धति से खनिज कोयला उत्पादन की जानकारी ली गई. साथ ही बकही सोन नदी क्षेत्र का निरीक्षण कर रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने खनिज एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि दोनों विभाग मिलकर संयुक्त अभियान चलाएं और अवैध रेत उत्खनन में संलिप्त व्यक्तियों और वाहनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें.
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने खदान के आंतरिक ओपन पिट क्षेत्र, ट्रकों की आवाजाही के रूट, सुरक्षा चेक पोस्ट तथा निगरानी व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने अधिकारियों से खदान से संबंधित तकनीकी एवं सुरक्षा पहलुओं की जानकारी प्राप्त की और समुचित दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने विशेष रूप से ट्रकों की आवाजाही पर निगरानी बढ़ाने तथा खनिज के अवैध परिवहन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए.
कलेक्टर ने खनिज अधिकारी को निर्देशित किया कि वे खदानों से निकलने वाले एक्सप्लोसिव ट्रकों की नियमित रूप से जांच करें और इस कार्य के लिए एक प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित करें. साथ ही उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा राजस्व अमले के साथ समन्वय स्थापित कर संयुक्त रूप से खदानों की सतत मॉनिटरिंग करने की बात कही.
कलेक्टर ने कहा कि जिले में खनन कार्यों की पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है तथा किसी भी प्रकार की अनियमितता अथवा अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने निर्देशित किया कि खदानों से निकलने वाले ट्रकों का वजन, दस्तावेज़ एवं रूट की नियमित जांच हो तथा निर्धारित नियमों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए. खदानों के आसपास रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाए. इस दिशा में खनन कंपनियों को सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए उचित कदम उठाने होंगे.
बकही सोन नदी क्षेत्र का निरीक्षण
कलेक्टर ने बकही सोन नदी क्षेत्र का निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि अवैध उत्खनन की घटनाओं की निगरानी गूगल लोकेशन एवं जीपीएस तकनीक के माध्यम से की जाए. जहां भी अवैध रेत परिवहन के प्रमाण मिलते हैं, उन वाहनों को जप्ती कर उनके विरुद्ध कुर्की एवं आर्थिक दंड की कार्यवाही की जाए. यह भी कहा कि यह कार्यवाही केवल खनिज विभाग तक सीमित न रहकर राजस्व विभाग के सहयोग से की जाए, जिससे अभियान को और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके. साथ ही खदानों एवं नदियों के पास नाके स्थापित किए जाएं और वाहनों की नियमित जांच हो.
/ राजेश शुक्ला
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