नाहन, 22 जून (Udaipur Kiran) । सीटू जिला कमेटी सिरमौर की बैठक रविवार को नाहन में आयोजित की गई, जिसमें 9 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी मजदूर हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में सीटू नेताओं ने केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला महासचिव आशीष कुमार ने कहा कि मोदी सरकार मजदूरों पर चार लेबर कोड के ज़रिए गुलामी थोपना चाहती है। इससे न केवल श्रमिक अधिकारों का हनन होगा, बल्कि बंधुआ मजदूरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। उन्होंने मांग की कि 26,000 रुपये न्यूनतम वेतन तय किया जाए और योजना कर्मियों, आउटसोर्स, ठेका, मल्टी टास्क, ट्रेनी व कैजुअल कर्मचारियों की जगह नियमित रोजगार दिया जाए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश के हजारों मजदूर 9 जुलाई को सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे। मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 600 रुपये प्रतिदिन करने और उन्हें 200 दिन कार्य देने की मांग भी प्रमुखता से उठाई जाएगी। इसके साथ ही मनरेगा बजट में बढ़ोतरी और मनरेगा, बीआरओ, निर्माण मजदूरों को न्यूनतम वेतन की गारंटी देने पर जोर रहेगा।
सीटू ने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण, ओपीएस बहाली, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं, स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट और मोटर व्हीकल एक्ट में श्रमिक विरोधी बदलावों को लेकर भी मोदी सरकार की आलोचना की। साथ ही बिजली बोर्ड, नगर निगम और अन्य बोर्ड-निगमों के कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग को लेकर भी आवाज़ बुलंद करने का फैसला लिया गया।
बैठक में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों के आंदोलन को तेज करने तथा आगामी जिला सम्मेलन की तैयारियों को लेकर भी रणनीति बनाई गई। सीटू ने स्पष्ट किया कि आगामी हड़ताल न केवल श्रमिक हितों के लिए, बल्कि जनतंत्र और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए भी निर्णायक होगी।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर