नई दिल्ली, 28 अप्रैल . हॉकी इंडिया ने आज भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर और वर्तमान भारतीय जूनियर पुरुष टीम के कोच पी.आर. श्रीजेश को देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने पर हार्दिक बधाई दी है.
इस प्रतिष्ठित सम्मान के साथ श्रीजेश का नाम हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद के साथ जुड़ गया है. ध्यानचंद को 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, और लगभग सात दशकों बाद श्रीजेश ने भारतीय हॉकी में अपना अद्वितीय योगदान देकर इस गौरव को फिर से जीवित किया है.
आधुनिक भारतीय हॉकी के भगवान के नाम से प्रसिद्ध श्रीजेश ने 18 वर्षों के शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर में भारत के लिए 336 मैच खेले. उन्होंने पेरिस 2024 ओलंपिक्स के बाद पेशेवर हॉकी को अलविदा कहा, जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को ब्रॉन्ज मेडल जिताने में मदद की. इससे पहले टोक्यो 2020 में भी उन्होंने भारत को ऐतिहासिक कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.
अपने करियर में श्रीजेश ने तीन बार एफआईएच ‘गोलकीपर ऑफ द ईयर’ (2021, 2022 और 2024) का पुरस्कार जीता, 2015 में अर्जुन पुरस्कार, 2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार और ‘वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर’ का खिताब भी अपने नाम किया. 2010 में सीनियर अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करने के बाद से वह भारतीय डिफेंस के मजबूत स्तंभ रहे, अपनी संयमितता और दबाव में शानदार प्रदर्शन के लिए पहचाने गए.
खिलाड़ी से कोच की भूमिका में भी श्रीजेश ने सफलता का परचम लहराया. उनकी कोचिंग में भारतीय जूनियर टीम ने नवंबर 2024 में जूनियर एशिया कप का खिताब जीता.
श्रीजेश ने चार ओलंपिक खेलों (लंदन 2012, रियो 2016, टोक्यो 2020 और पेरिस 2024), दो एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक (2014 और 2022), एक कांस्य पदक (2018) और दो कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक (2014 और 2022) हासिल किए. साथ ही, एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की चार बार (2011, 2016, 2018 और 2023) जीत में भी उनका अहम योगदान रहा.
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ दिलीप तिर्की ने इस उपलब्धि पर कहा, पी.आर. श्रीजेश का भारतीय हॉकी में योगदान अद्वितीय रहा है. खिलाड़ी और कोच दोनों रूपों में उन्होंने उत्कृष्टता और नेतृत्व का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है. पद्म भूषण उनके प्रेरणादायक करियर के लिए एक उपयुक्त सम्मान है.
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने भी कहा, श्रीजेश भारतीय हॉकी के पुनरुत्थान का दिल रहे हैं. उनके व्यक्तिगत मील के पत्थर पूरे हॉकी जगत के लिए गर्व के क्षण हैं. हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं.
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/ आकाश कुमार राय
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