मंडी, 05 जुलाई (Udaipur Kiran) । मंडी जिला मे आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में पांचवें दिन भी हालात दयनीय बने हुए हैं। जबिक उपमुख्यमंत्री व लोक निर्माण मंत्री भी मीलों पैदल चलते हुए प्रभावितों से मिले, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मीलों पैदल चल कर लंबाथाच पहुंचे। प्रशासन की ओर से गांव-गांव तक राशन भेजने के लिए मनाली से विशेष कुलिए मंगवाए गए हैं। इसके अलावा खच्चरों पर भी राशन भेजा जा रहा है। लापता लोगों का खोजी अभियान जारी, खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है।
मंडी जिले में बादल फटने से हुई तबाही के जख्म लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। बारिश से प्रभावित 176 सड़कें अभी भी बाधित है। जिनमें सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र सराज में 85 सड़कें बंद है। आपदा के पांचवें दिन ही जिला प्रशासन थुनाग पहुंच पाया। डीसी अपूर्व देवगन व पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा दल बल सहित थुनाग पहुंचे।
इधर, शुक्रवार रात से ही उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी सराज के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, क्षतिग्रस्त हुई पेयजल योजनाओं का भी निरीक्षण किया, प्रभावितों से मिले व जरूरी निर्देश भी अधिकारियों को जारी किए।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर जिनका सराज विधानसभा क्षेत्र अपना गृह क्षेत्र है, में लगातार पैदल चल कर लोगों तक पहुंच रहे हैं। राहत सामग्री बांटी जा रही है। लोग भी मदद को आगे आ रहे हैं। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य भी सराज क्षेत्र पहुंच गए हैं। वह पैदल ही चलते हुए टूटी सड़कों व अन्य नुकसान का निरीक्षण करते रहे। उन्होंने अधिकारियों को पूरी ताकत झौंक कर मुख्य सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए ताकि राशन आदि प्रभावितों तक पहुंचाया जा सके।
इधर, लापता लोगों को खोजने के लिए खोजी कुतों की मदद भी ली जा रही है। दूर दराज जहां पर सड़कें खत्म हो चुकी हैं व राशन पानी दवाईयों आदि पहुंचाई जानी हैं के लिए मनाली से विशेष तौर पर पोर्टर यानी विशेष कुलिए बुलाए गए हैं। उनके माध्यम से कठिन रास्तों से राशन आदि भेजा जा रहा है। खच्चरों के माध्यम से भी राशन भेजा जा रहा है। चार दिनों से जिले में ज्यादा बारिश नहीं हुई है। हालांकि रोजाना हल्की बारिश रोजाना हो रही है मगर इससे राहत कार्यों में तेजी आ रही है। अभी बारिश का और अलर्ट भी जारी हुआ है। ऐसे में पहले से प्रभावित क्षेत्रों में आफत आ सकती है। प्रशासन व सरकार अलर्ट मोड पर है मगर कुदरत ने जो जख्म दिए हैं उन्हें भरने में सालों लग जाएंगे।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिला में थुनाग के बाद लोनिवि डिविजन थलौट में 36, धर्मपुर में 27, मंडी द्वित्तीय में 18, करसोग में छह, गोहर में पांच, पधर में चार, सरकाघाट में दो और जोगिंद्रनगर में एक सड़क यातायात के लिए बाधित है। इसके अलावा बाढ़ भूस्खलन से प्रभावित हुए बिजली के 230 ट्रांसफार्मर अभी भी प्रभावित हैं। जिनमें सबसे अधिक 206 ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं, जोगिंद्रनगर में 14, करसोग में पांच, थलौट में चार, और मंडी में एक ट्रांसफार्मर अभी भी प्रभावित है। इसके अलावा जिला में बारिश , बाढ़, भूस्खलन से 278 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई है। जिनमें सबसे अधिक 267 पेयजल योजनाएं सुंदरनगर डिविजन के अंतर्गत क्षतिग्रस्त हुई है। धर्मपुर में 11 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। इसके अलावा सराज क्षेत्र में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
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