-43 शिक्षकों को स्थायी करने की मिली मंजूरी
प्रयागराज, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनेट हाउस परिसर के नॉर्थ हाल में सोमवार को कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कार्यकारिणी परिषद की बैठक हुई, जिसमें महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया।यह जानकारी इविवि की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने दी। उन्होंने बताया कि सदन ने सर्वसम्मति से नई शिक्षा नीति को विश्वविद्यालय में क्रियान्वित करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी। नई शिक्षा नीति विश्वविद्यालय में सत्र 2025-26 से लागू हो जाएगी। इसके बाद विश्वविद्यालय में स्नातक की डिग्री चार वर्ष की हो जाएगी। इसमें प्रथम वर्ष में सर्टिफिकेट, द्वितीय वर्ष में डिप्लोमा, तृतीय वर्ष में डबल मेजर विषय के साथ डिग्री और चौथे साल में ऑनर्स विद रिसर्च की डिग्री दी जाएगी। नई व्यवस्था में हर सत्र के अंत में एंट्री और एग्जिट का प्रावधान भी रखा गया है। इसके अलावा छात्रों को कुछ रोजगारपरकता बढ़ाने तथा इंडस्ट्री की जरूरत के अनुसार पाठ्यक्रम में योग्यतापरक स्किल एन्हांसमेंट, एबिलिटी एन्हांसमेंट और वैल्यू एडेड कोर्स भी करने होंगे। विद्वत परिषद ने 20 जुलाई को हुई बैठक में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को अपनी मंजूरी दे दी थी। इसके उपरांत यह प्रस्ताव सोमवार को विश्वविद्यालय की एपेक्स बॉडी (कार्यकारिणी परिषद) के समक्ष अनुमोदन के लिए रखा गया।पीआरओ ने बताया कि मनोविज्ञान विभाग में सहायक आचार्य डॉ. शांति सुमन का कैस में असिस्टेंट प्रोफेसर स्टेज 3 से एसोसिएट प्रोफेसर में प्रमोशन को सदन ने अनुमोदन दे दिया। सेंटर ऑफ एनवायर्नमेंट साइंस, भूगोल विभाग, विधि विभाग, डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज, इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन विभाग, जूलॉजी विभाग, अर्थशास्त्र विभाग, जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन विभाग, गणित विभाग और भौतिक विज्ञान विभाग से 43 शिक्षकों को स्थायी करने को मंजूरी भी कार्यकारिणी परिषद ने दी है। इसमें एक प्रोफेसर, पांच एसोसिएट प्रोफेसर, और 37 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं।-यूजी प्रवेश परीक्षा से सम्बंधितप्रो. जया कपूर ने यूजी प्रवेश परीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले तीन वर्षों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश में इच्छुक छात्रों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। वर्तमान वर्ष 2025-2026 में प्रवेश के लिए 59,904 विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन हुए और 52,732 अभ्यर्थियों ने प्रवेश काउंसलिंग के लिए फीस जमा की है। वहीं, गत वर्ष सत्र 2024-25 में 41,478 ने रजिस्ट्रेशन फीस जमा की थी, सत्र 23-24 में 49,519 ने रजिस्ट्रेशन फीस जमा की थी। सत्र 2022-23 में यह संख्या 45,650 थी।विश्वविद्यालय में विभिन्न स्नातक कोर्स में करीब 3500 सीट पर प्रवेश होने हैं। आवेदन की इतनी बड़ी संख्या तब है जब लगातार एनटीए द्वारा डाटा देरी से रिलीज करने के कारण विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए नामांकन का कार्य दिल्ली और अन्य विश्वविद्यालयों के बाद शुरू हो पाया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने एक लंबे समय तक शिक्षकों की भारी कमी से जूझते हुए बिताया, लेकिन कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव के कार्यकाल में नए शिक्षकों गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की भर्ती ने विश्वविद्यालय में नई ऊर्जा का प्रवाह किया। नई शिक्षा नीति के पूर्ण क्रियान्वयन के बाद विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के सर्वांगीण विकास की अपनी प्रतिबद्धता के साथ अनेक स्किल और एबिलिटी एन्हांसमेंट कोर्स जोड़कर शिक्षा को रोजगारपरक भी बनाया जा रहा है। इससे विश्वविद्यालय प्रवेश के लिए छात्राें की पहली पसंद बन रहा है।
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
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