धमतरी, 26 जून (Udaipur Kiran) । सरकारी विभाग में पदस्थ एक चौकीदार खुद के गले में चाकू रेतकर खून से लथपथ होकर देर रात थाना पहुंचे। घायल को देखने के बाद पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने उन्हें पहले उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया। सुबह आरोपित को ढूंढने पुलिस विभाग पहुंचे, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। ऐसे में पुलिस जब गंभीरता से घायल चौकीदारी से पूछताछ की, तो मामला अलग ही निकला। चौकीदार ने बताया कि उसने स्वयं गले में चाकू रेतकर घटना को अंजाम दिया है, ऐसे में पुलिस प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग चौकीदार के मानसिक स्थिति की जांच के लिए मनोचिकित्सक को सौंप दिए है। हालांकि इस घटना से क्षेत्र में दहशत था, लेकिन घटना की पोल खुली तो चर्चा का विषय बना हुआ है।
रूद्री पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रूद्री स्थित जल संसाधन विभाग बांध क्रमांक-दो पुराना आरटीओ आफिस के बाजू संचालित कार्यालय में पदस्थ चौकीदार श्यामलाल माली 41 वर्ष पुत्र केशबू निवासी जगदलपुर 25 जून को हर रोज की तरह रात में ड्यूटी करने कार्यालय पहुंचे। ड्यूटी के दौरान श्यामलाल माली का दिमाग कुछ अलग ही चल रहा था। वह घर से चाकू लाया और कार्यालय के अंदर ही खुद अपने गले को रेतकर खून से लथपथ हो गया। इसके बाद खून से सने हालत में रात 11 बजे रूद्री थाना पहुंचे। पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को चौकीदार ने चकमा देकर कुछ बदमाशों द्वारा चाकू से उन पर कार्यालय पहुंचकर हमला करने की जानकारी दी। आरोपितों से लड़कर व जान बचाकर वह थाना पहुंचे है, तभी पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने खून से लथपथ देखकर उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया। दूसरे दिन 26 जून की सुबह से रूद्री पुलिस बांध क्रमांक दो के कार्यालय पहुंचे। विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की मौजूदगी में कार्यालय की जांच की। कार्यालय में खून से सने जगहों की जांच की। वहीं फोरेसिंक टीम भी पहुंचकर अपने स्तर पर जांच की। रूद्री थाना के एएसआई भीष्म अवस्थी व एफएसएल टीम सीसी टीवी फुटेज को खंगाला।
पुलिस अचंभित रह गई कि फुटेज में कोई भी हमलावर नहीं दिखाई दे रहा है। शक हुआ कि कहीं इसने खुद पर हमला तो नहीं किया। घटना पुलिस को कुछ समझ नहीं आया तो घायल चौकीदार से अपने स्तर पर पूछताछ किया, तो माजरा कुछ अलग ही निकला, तो सब सोच में पड़ गए।पुलिस अधिकारी-कर्मचारी घायल चौकीदार से पूछताछ करने जिला अस्पताल पहुंचे। यहां अस्पताल में भर्ती घायल चौकीदार श्यामलाल से बयान लिया। इस बीच पता चला कि वह शराब सेवन का आदी है। कुछ समय बाद जब मीडियाकर्मी घायल से पूछताछ किया तो श्यामलाल माली ने बताया कि वह रोजाना की तरह बुधवार रात आठ बजे ड्यूटी पर पहुंचा था। थोड़ी देर में उसके मन में पता नहीं ऐसा ख्याल आया कि चाकू से गर्दन को काटना है, तो वह तुरंत घर गया, चाकू लाया और आफिस में अपने गले पर चला दिया। इसके बाद उसे लगा कि थाना जाकर बताना है। दरवाजा बंद कर थाना पहुंच गया। इसके पहले उसको ऐसा ख्याल कभी नहीं आया था। इस हकीकत की जानकारी पुलिस व लोगाें तक पहुंची, तो सब दंग रह गए।
सिजोफ्रेनिया जैसी तकलीफ: जिला अस्पताल के मनोरोग चिकित्सक डा रचना पदमवार ने बताया कि चौकीदार श्यामलाल माली को काउंसलिंग के लिए लाया गया था। वह नशे का आदी है। मानसिक स्थिति एकदम स्वस्थ नहीं है। बड़बड़ाने की भी आदत है। काउंसलिंग में उसने अपने से गले में वार करना बताया है। स्वजनों के आने के बाद और काउंसलिंग की जाएगी। वर्तमान स्थिति के अनुसार दवाईयां देकर निगरानी की जा रही है। यह एक प्रकार से सिजोफ्रेनिया जैसी तकलीफ ही है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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