रांची, 24 जुलाई (Udaipur Kiran) । झारखंड जनाधिकार महासभा (झाजम) के नेतृत्व में गुरुवार को कई सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर मानसून सत्र में पेसा कानून को लागू करने की मांग की है।
महासभा की प्रतिनिधि आलोका कुजूर ने बताया कि यह मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अब तक इसे जमीन पर उतारने की पहल नहीं हुई है। अब हेमंत सरकार मानसून सत्र में इसे पूरी तरह से लागू कर राज्यवासियों से अपना वादा निभाए।
कुजूर ने कहा कि झारखंड के आदिवासी और मूलवासियों ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में वर्तमान सरकार को समर्थन दिया था। इंडिया गठबंधन की सरकार ने भी चुनाव के दौरान यह वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद पेसा कानून को पूरी तरह लागू करेगी, लेकिन अब तक यह केवल वादों तक सीमित रह गया है।
महासभा के अमन मरांडी ने कहा कि पेसा कानून आदिवासी समुदाय के स्वशासन, भूमि, जल, जंगल पर अधिकार और ग्रामसभा की भूमिका को मजबूत करता है। लेकिन इसके अभाव में आदिवासी क्षेत्रों में बाहरी दखल और शोषण लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार आगामी मानसून सत्र में पेसा कानून को पूरी तरह लागू करे। अब सरकार को अपने चुनावी वादों को निभाने के साथ आदिवासी हितों की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
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