भोपाल, 09 नवंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh में Chief Minister डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सहकारिता के माध्यम से हर एक सैक्टर में नवाचार किया जा रहा है. समाज को सुव्यवस्थित करना है, सुगठित करना है तो उसका मूल आधार ही सहकारिता है. सहकारिता के माध्यम से देश व Madhya Pradesh में बहुत से कार्य हुए हैं. बनास डेरी और अमूल उत्कृष्ट सहकारी संस्थाओं का उदाहरण हैं. Madhya Pradesh में पशुपालन विभाग और राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) मिलकर सांची का और उन्नयन करेंगे.
यह विचार प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने sunday को ‘सहकार से समृद्धि गोष्ठी’ को संबोधित करते हुए कहा. उन्होंने कहा कि Madhya Pradesh में सांची का कार्य भी एनडीडीबी के सहयोग से सोने पर सुहागा हो गया है. एनडीडीबी के माध्यम से सांची का उन्नयन हो रहा है, यह भी हमारे किसानों के कारण ही है. सहकारिता का लक्ष्य पूरा हो, इसके लिए हम मिलकर काम करेंगे, ताकि शक्तिशाली और श्रेष्ठ भारत का निर्माण कर सकें.
सायलेज का प्रचार प्रसार करने एनडीडीबी की भूमिका जरूरी: लखन पटेल
पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने कहा कि Madhya Pradesh में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुपालकों को दुधारू पशुओं को सायलेज खिलाने के लिए समझाना होगा, इससे दुग्ध उत्पादन तो बढ़ेगा ही साथ ही पशु भी स्वस्थ रहेंगे. उन्होंने एनडीडीबी द्वारा सांची के उन्नयन के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की.
एमपीसीडीएफ के प्रबंध संचालक डॉ. संजय गोवाणी ने कहा कि एनडीडीबी ने दुग्ध उत्पादकों को उनका वाजिव दाम समय पर मिले, उसकी व्यवस्था की और ईआरपी सिस्टम लागू किया. किसानों को सहकार से जोड़ने के लिए काम किया जा रहा है. निश्चित ही 50 प्रतिशत गांवों को सहकारी डेयरी से जोड़ा जाएगा. हमारा लक्ष्य 26 हजार गांवों में सहकारी डेयरी बनाना है. पांच साल में 52 लाख लीटर दूध प्रतिदिन संकलन करना और 35 लाख लीटर दूध विक्रय करना है. लक्ष्य मुश्किल है परन्तु सहकार से इसे पूरा करने में सफल होंगे. एनडीडीबी महाप्रबंधक राजेश गुप्ता ने कहा कि सहकार से समृद्धि, यह केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भर और समृद्ध मध्यप्रदेश के निर्माण का संकल्प है.
किसानों को किया गया पुरस्कृत
इस अवसर पर दुग्ध उत्पादक किसान की श्रेणी में पहला पुरस्कार भोपाल सहकारी दुग्ध संघ की प्रीति बाई दांगी को दिया गया, जिसमें उन्हें 10000 रुपये का चैक एवं प्रमाणपत्र दिया गया. इन्होंने 2024-25 के वर्ष में एक लाख 62 हजार 543 किग्रा दूध समिति को दिया है. दूसरा पुरस्कार उज्जैन दुग्ध संघ के विशाल सिंह को दिया गया, जिसमें 7000 रुपये का चैक एवं प्रमाण पत्र दिया गया. इन्होंने 2024-25 के वर्ष में 71 हजार 240 किग्रा दूध समिति में दिया है. तीसरा पुरस्कार इंदौर दुग्ध संघ के सावंत राम चौधरी को दिया गया, जिसमें उन्हें 5000 रुपये का चैक एवं प्रमाण पत्र दिया गया. इन्होंने वर्ष 2024-25 में 54 हजार 300 कि. ग्रा. दूध समिति में दिया है. सांत्वना पुरस्कार ग्वालियर दुग्ध संघ के गामराज गुर्जर को दिया गया. इन्होंने वर्ष 2024-25 में 18 हजार 250 किग्रा दूध समिति में दिया है.
इसी प्रकार उत्कृष्ट सहकारी समितियों को भी पुरस्कृत किया गया. पहला पुरस्कार उज्जैन दुग्ध संघ अंतर्गत दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति बालागुडा के अध्यक्ष व सचिव को 10000 रुपये का चैक व प्रमाण पत्र दिया गया. इस समिति ने वर्ष 2024-25 में 18 लाख 22 हजार 260 कि.ग्रा. दूध संकलन किया है. दूसरा पुरस्कार भोपाल दुग्ध संघ अंतर्गत दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति उलझावन को 7000 रुपये का चैक व प्रमाण पत्र दिया गया. इस समिति ने वर्ष 2024-25 में 14 लाख 78 हजार 880 किग्रा का दूध संकलन किया है. तीसरा पुरस्कार इंदौर दुग्ध संघ अंतर्गत दुग्ध सहकारी समिति कुडाना को 5000 रुपये का चैक व प्रमाण पत्र दिया गया. इस समिति ने वर्ष 2024-25 में 11 लाख 24 हजार 870 किग्रा दूध का संकलन किया है. सांत्वना पुरस्कार बुंदेलखण्ड दुग्ध संघ अंतर्गत दुग्ध सहकारी समिति खजवा को दिया गया. इस समिति ने वर्ष 2024-25 में 19 लाख 71 हजार 68 कि.ग्रा. दूध का संकलन किया है.
(Udaipur Kiran) तोमर
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