झुंझुनू, 10 मई . झुंझुनू जिले के नवलगढ़ कस्बे के जिला अस्पताल में छह और सात मई को जन्में तीन बच्चों का नाम सिंदूर रखा गया है. तीनों ही डिलवरी आपरेशन से हुई है. सात मई को सुबह जब आपरेशन सिंदूर की चर्चा थी, तो इस दिन को ऐतिहासिक और देश के लिए गौरवशाली दिन मानते हुए तीन प्रसूताओं और उनके परिवार के सदस्यों ने अपने बच्चों का नाम सिंदूर ही रख दिया. खास बात यह है कि तीनों ही प्रसूताओं के परिवार में कोई ना कोई व्यक्ति पहले से फौज में है. ऐसे में उन्होंने भी संकल्प लिया है कि वे भी अपने बच्चों को देश सेवा का पाठ पढाते हुए उनके जन्मदिन और उनके नाम की गौरवशाली कहानी भी बताएंगे और उन्हें सेना में भेजेंगे.
सीकर जिले के बेरी गांव की रहने वाले प्रभुदयाल की पत्नी सीमा ने सात मई को सुबह 10 बजे जिला अस्पताल नवलगढ़ में लड़के को जन्म दिया. सीमा के पहले से एक पांच साल की बेटी गर्वी है. लेकिन अब लड़के का नाम सिंदूर रखा है. सीमा के पिता रणवीर सिंह खीचड़ निवाई के रहने वाले थे. जो सेना में हवलदार थे. जिनका निधन हो चुका है. इसी तरह कुमावास गांव के रणवीर सिंह की पत्नी कंचन की शादी तीन साल पहले हुई. उसकी पहली डिलवरी सात मई को दोपहर सवा बारह बजे हुई. कंचन के बेटी हुई है. जिसका नाम सिंदूर रखा है. रणवीर सिंह के ताऊ आर्मी से रिटायर है. इसी प्रकार छह मई को दिन में एक बजे झाझड़ गांव निवासी सुनिल सैनी की पत्नी संजू ने भी एक लड़के को जन्म दिया. जिसने भी अपने बेटे का नाम सिंदूर रखा है. संजू सैनी के पूर्व में पांच साल की बेटी जीवा है. सुनिल सैनी के जीजा आर्मी में है. तीनों ही प्रसूता और उनके परिजन अपने बच्चों के नाम सिंदूर रखकर काफी खुश नजर आ रहे है.
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/ रमेश
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