जयपुर, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . नवीन आपराधिक कानूनों में आमजन को त्वरित न्याय दिलाने और पुलिस प्रकरणों में राहत दिलाने पर विशेष फोकस किया गया है. इन कानूनों से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं को सरल और सजीव तरीके से लोगों तक पहुंचाने के लिए ‘नव विधान-न्याय की नई पहचान’ थीम पर विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है.
यह बात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं Rajasthan पुलिस अकादमी के निदेशक एस. सेंगाथिर ने मंगलवार को सीतापुरा स्थित जेईसीसी में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग (डीआईपीआर) एवं पुलिस मुख्यालय की प्रचार शाखा की ओर से मीडियाकर्मियों के लिए आयोजित ‘एक्पोजर विजिट’ के ‘इंटरेक्टिव सेशन’ में कही. उन्होंने कहा कि नवीन आपराधिक कानूनों में पीड़ित को शीघ्रता से राहत के कंसेप्ट पर बल देते हुए ‘जीरो एफआईआर’ सहित कई नए प्रावधान बनाए गए हैं, जो आमजन को जागरूक करने के साथ ही पुलिस प्रणाली और न्याय के क्षेत्र में पारदर्शिता का माध्यम बन रहे हैं.
इंटरेक्टिव सेशन में पुलिस महानिरीक्षक, विजिलेंस प्रफुल्ल कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने न्यू क्रिमिनल लॉज के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला. इस दौरान आईजी अजयपाल लांबा, डीआईजी विकास शर्मा, आनंद शर्मा, अमित शर्मा, ज्येष्ठा मैत्रेयी सहित कई पुलिस अधिकारी मौजूद रहे.
एक्सपोजर विजिट में राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ संवाददाताओं, सीनियर फोटोग्राफर्स और वीडियो जर्नलिस्ट्स सहित अन्य पत्रकारों ने शिरकत की.
दस लाइव मॉडल्स के जरिए मिल रही नए कानूनों की जानकारी—
नए आपराधिक कानूनों पर आयोजित हो रही प्रदर्शनी में आमजन बढ़—चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. एग्जीबिशन में उन्हें आपराधिक कानूनों की जानकारी 3 चरणों में सजे 10 लाइव मॉडल के माध्यम से प्रदर्शित की गई है. प्रथम चरण में शिकायत और जांच पर आधारित सजीव मॉडल में कंट्रोल रूम, सीन ऑफ क्राइम और पुलिस स्टेशन की कार्य प्रणाली को दर्शाया गया है. ‘वैज्ञानिक और कानूनी सत्यापन’ की थीम पर दूसरे चरण में हॉस्पिटल के मॉडल में चिकित्सा साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया, पीड़ितों की मेडिकल जांच और कानूनी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया दिखाई गई है. नए कानूनों के तहत इन प्रक्रियाओं को समयबद्ध और डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करना अनिवार्य किया गया है. इस चरण में विजिटर्स को प्रदर्शनी में आपराधिक घटना के संदर्भ में फोरेंसिक जांच प्रक्रिया और पब्लिक प्रोसीक्यूशन ऑफिस की भूमिका के बारे में जानकारी दी जा रही है. इसी प्रकार ‘न्याय और सुधार’ की थीम पर तीसरे चरण में ‘डिस्ट्रिक्ट कोर्ट’ में अदालत की कार्यवाही का डेमो, समयबद्ध ट्रायल और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के आधार पर निर्णय की ओर पहुंचने की प्रक्रिया, कारागार के मॉडल में जेल सुधारों, कैदियों के पुनर्वास तथा नए कानूनों में दंड के बजाय सुधार के पहलू को हाइलाइट किया गया है. प्रदर्शनी में सजीव डिस्प्ले के तहत नए आपराधिक कानूनों में तीनों नए कानूनों के प्रमुख प्रावधानों ई-एफआईआर, सामुदायिक सेवा और भगोड़े अपराधियों के ट्रायल जैसे प्रावधानों को सरलता से समझाया जा रहा है.
डीआईपीआर की टीम ने भी की विजिट
‘नव विधान-न्याय की नई पहचान’ प्रदर्शनी के दूसरे दिन डीआईपीआर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की सेंट्रल न्यूज डेस्क (समाचार शाखा) और सोशल मीडिया शाखा के दल ने विजिट करते हुए नवीन आपराधिक कानूनों से सम्बंधित पहलुओं को समझा. इस दौरान विभाग के अतिरिक्त निदेशक (जनसम्पर्क) पुलिस मुख्यालय डॉ. कमलेश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक सुजस नर्बदा इंदौरिया, संयुक्त निदेशक मनमोहन हर्ष एवं उप निदेशक अजय कुमार ने दल में शामिल विभागीय अधिकारियों, इंटर्न एवं कार्मिकों के साथ नवीन आपराधिक कानूनों के बारे में जनजागरूकता और प्रचार-प्रसार के विभिन्न आयामों पर चर्चा की.
डीआईपीआर के दल में सहायक निदेशक दयाशंकर शर्मा, कविता जोशी, प्रियंका अग्रवाल एवं आशीष जैन सहित सहायक जनसंपर्क अधिकारी और इंटर्नस शामिल थे. प्रदर्शनी के दूसरे दिन आयोजित लाइव सेशंस में बड़ी संख्या में आम नागरिकों सहित कॉलेज एवं लॉ स्टूडेंट्स, कानूनविद्, फोरेंसिक विशेषज्ञ, पुलिस अधिकारी, पुलिसकर्मी एवं विषय विशेषज्ञों ने भाग लिया.
—————
(Udaipur Kiran)
You may also like
एनआईटी राउरकेला के शोधकर्ताओं ने एंटीबायोटिक से लड़ने के लिए 'ग्रीन' विकल्प खोज निकाला
हिमालय के इलाक़ों में क्यों ख़तरनाक होता जा रहा है मॉनसून?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में ग्रीन पटाखों की दी अनुमति, लेकिन लगाई ये शर्त
Bihar Assembly Elections: नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इन तीन दिग्गज विधायकों को नहीं दिया टिकट
दिल्ली और मुंबई में बढ़ रहे हैं कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन गैस के स्तर, आईआईटी बॉम्बे के अध्ययन में खुलासा