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हिसार : हमारे संकाय को समकालीन शिक्षण उपकरणों से लैस करने में सहायक होते एफडीपी कार्यक्रम : प्रो. नरसी राम बिश्नोई

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हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस और वाधवानी फाउंडेशन का परिवर्तनकारी संकाय विकास कार्यक्रम का शुभारंभहिसार, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । उच्च शिक्षा में नवाचार और उद्यमशीलता की सोच को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) की ओर से विश्व स्तर पर प्रशंसित वाधवानी फाउंडेशन के सहयोग से मंगलवार को एक सप्ताह तक चलने वाले संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का मंगलवार काे उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुई, जिसमें उत्तर भारत के विभिन्न कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों के 50 से अधिक संकाय प्रतिभागियों ने भाग लिया। स कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गुजविप्रौवि के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई रहे, जिन्होंने देश के उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र को आकार देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस पहल की दूरदर्शी दृष्टि और संकाय क्षमता निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण की सराहना की। प्रो. बिश्नोई ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम हमारे संकाय को समकालीन शिक्षण उपकरणों से लैस करने में सहायक होते हैं, जिससे वे विद्यार्थियों में रचनात्मकता, जोखिम उठाने और नवाचार को बढ़ावा देने में सक्षम होते हैं। वाधवानी फाउंडेशन के साथ यह सहयोग अकादमिक-उद्योग जुड़ाव के लिए एक नया मानदंड स्थापित करता है। प्रो. बिश्रोई ने कहा कि जहां चुनौतियाँ होती हैं, वहीं उद्यमिता का जन्म होता है। उद्यमिता केवल मुनाफा कमाने का जरिया नहीं, बल्कि समाज के सामने खड़ी समस्याओं को नवाचार और दूरदृष्टि के साथ सुलझाने का एक माध्यम है। वाधवानी समूह के प्रतिनिधि प्रो. गोपा कुमार ने बताया कि एफडीपी वाधवानी फाउंडेशन के वैश्विक शिक्षण मंच के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जो संकाय सदस्यों के लिए एक अनुकूलित, इंटरैक्टिव और इमर्सिव सीखने का अनुभव प्रदान करता है। पाठ्यक्रम में परिणाम-आधारित शिक्षण विधियाँ, उद्यमशील केस-आधारित शिक्षण, डिजिटल शिक्षाशास्त्र, स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र परिचितीकरण और मेंटरशिप रणनीतियां जैसे विभिन्न मॉड्यूल शामिल हैं। प्रतिभागियों को अपने-अपने संस्थानों में बदलाव के उत्प्रेरक बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।एचएसबी के डीन प्रो. कर्मपाल नरवाल और एचएसबी के निदेशक प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई ने अपने शिक्षण संस्थान के विजन के मुख्य घटक के रूप में उद्यमिता शिक्षा को एकीकृत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम का समन्वय प्रो. सुनीता रानी और प्रो. मनिश्रेष्ठ द्वारा किया जा रहा है, जो यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सामग्री वितरण आकर्षक और प्रासंगिक बना रहे। उन्होंने कहा कि एफडीपी सत्रों को वाधवानी फाउंडेशन के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा सुगम बनाया जा रहा है, जो वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और वास्तविक दुनिया के केस स्टडीज को अकादमिक सेटिंग में ला रहे हैं।इस कार्यक्रम में गुजविप्रौवि के डीन ऑफ कॉलेजेज प्रो. संजीव कुमार विशेष रूप में मौजूद थे, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण पहल की मेजबानी के लिए हरियाणा स्कूल आॅफ बिजनेस को बधाई दी और प्रतिभागियों को अपनी कक्षाओं में प्राप्त अंतर्दृष्टि को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यह संकाय विकास कार्यक्रम न केवल सीखने के लिए एक मंच है, बल्कि नवोन्मेषी शैक्षणिक नेतृत्व के लिए एक लॉन्चपैड भी है, जो भविष्य के लिए तैयार संस्थानों और उद्यमियों को आकार देने में सक्षम है।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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