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संशोधित: मंडी में बारिश के कहर ने लील ली बीस जिंदगियां, पांच लाेगाें के शव बरामद, 15 लापता

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मंडी, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बारिश कहर बनकर टूटी है। आधी रात के बाद जगह-जगह फटे बादलों व भयंकर मूसलाधार बारिश ने इतना कहर मचाया कि अभी तक मिली सूचनाओं के अनुसार 20 लोगों की जानें चली गई। इनमें 15 के जिंदा दफन हो जाने की आशंका है जबकि 5 शव बरामद हो गए हैं। अभी जिले के कई भागों से संपर्क पूरी तरह से टूटा होने के कारण अधिकारिक सूचनाएं व आंकड़ा आना बाकी है।

रात भर सक्रिय रहे विभिन्न बचाव दलों जिनमें पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, होम गार्ड, नगर निगम व स्थानीय पंचायतों के प्रतिनिधि शामिल हैं, ने जगह-जगह फंसे 100 से अधिक लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया है। सबसे अधिक कहर जिले के गोहर उपमंडल में बरपा है जहां गांव बागा व पंगलियूर जो सराज व नाचन हल्के के गांव हैं में बाढ़ में घरों के बह जाने से 9 लोग लापता हो गए हैं। एक मां बेटी को सुरक्षित बचा लिया गया है। गांव बाड़ा के दो लोग लापता हैं जबकि यहां पर 6 लोगों को बचा लिया गया है। बस्सी में 2 लोगों को मौत के मुंह से निकाला गया है जबकि तलवाड़ा में एक ही परिवार के 3 लोग लापता हैं जबकि एक लड़की बालिका को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

एक ही परिवार लापता लोगों में पदम सिंह 75, गांव बागा, देवकू पत्नी पदम सिंह 70, झाबे राम पुत्र गोकुल चंद, 50, पार्वती देवी पत्नी झाबे राम 47, सुरमी देवी पत्नी गोकुल चंद 70 , इंद्र देव पुत्र झाबे राम 29, उमा देवी पत्नी इंद्र देव 27, कनिका पुत्री इंद्र देव 9, गौतम पुत्र इंद्र देव हैं।

पुलिस महानिरीक्षक मध्य जोन मंडी सौम्या सांबशिवम ने बताया कि इन सभी मामलों में लापता लोगों को तलाशने के प्रयास जारी हैं। मंडी जिले के करसोग में बादल फटने से कुट्टी में एनडीआरएफ के जवानों ने 7 लोगों को सुरक्षित निकाला है जबकि पुराना बाजार करसोग से 4 लोग यहां लापता हैं, एक शव यहां पर मिला है, 7 लोगों को बचा लिया गया है, 12 विद्यार्थियों व 4 महिलाओं को बाढ़ की चपेट में आए करसोग डिग्री कालेज भवन से निकाल कर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है।

जोगिंदरनगर उपमंडल के नेरी कोटला में बारिश के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई। अभी मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। मंडी शहर के पुरानी मंडी इंदिरा आवास कालोनी में ब्यास नदी की बाढ़ की जद में आए दर्जनों लोगों को ब्यास सदन में शिफ्ट किया गया है, जबकि रघुनाथ का पधर से 11 लोगों को बाहर निकाला गया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंडी भवन पर भूस्खलन होने के चलते यहां से 29 छात्राओं को मंडी के गुरूद्वारा में शिफ्ट किया गया। पंडोह बाजार में पानी घुसने की आशंका से रात को ही लोगों को घरों से निकाल लिया गया। आधी रात से लोग सड़कों पर ही डटे रहे।

जिले के धर्मपुर में एक गांव तरयामला स्याठी लौंगणी गांव धंस गया तथा कई घर व गोशालाएं जमींदोज हो गए। दस बकरियों, 15 खच्चरों व एक गाय सहित 26 मवेशी यहां पर जिंदा दफन हो गए हैं। गांव के 17 परिवारों को मंदिर सराय में ठहराया गया है तथा इन्हें 10 हजार रुपए प्रति परिवार की मदद प्रशासन द्वारा मुहैया करवाई गई है। धर्मपुर के भडारना गांव में भी भारी तबाही हुई है तथा यहां पर 4 घर व 3 गोशालाएं ध्वस्त हो गई। एनएच 305 औट लुहरी पर मंगलौर में बने पुल का डंगा क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे यातायात बंद हो गया है।

इधर, मंडी कुल्लू नेशनल हाइवे पर थलौट में बनी टनल नंबर 11 व 13 के दोनों ओर भारी भूसख्लन के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक व वाहन चालक इसके अंदर रात भर फंसे रहे। इन्हें टनल के अंदर ही भोजन पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई। बाखली खड्ड पर कुकलाह व बाखली में बने दो पुल बह गए। 16 मेगावाट की पटीकरी परियोजना बाढ़ से तबाह हो गई। परियोजना में बाखली खड्ड का पानी घुसने से यहां पर कार्य कर रहे दो दर्जन कर्मियों को निकाल कर बाड़ा के विश्राम गृह में रखा गया है। बाखली माता मंदिर व सराज के कल्हणी सराची आदि जाने के लिए अब केवल कैंची मोड़ से लगाए गए रोप वे ही एक मात्र सहारा बचा है बाकी सड़क पूरी तरह से बह गई है। लाखों की आबादी इससे प्रभावित हुई है।

मंडी शहर के कालेज रोड़, जेल रोड़ , पैलेस, मट्ट समेत जगह जगह भारी तबाही हुई है। कांढापतन का पुल भी बह गया है। प्रशासन हाई अलर्ट पर है। राहत कार्य जोरों पर हैं, सड़कों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंडी कुल्लू मार्ग पर फोरलेन की टनल में रात भर फंसे रहे पर्यटक व अन्य । भारी बारिश के चलते फोरलेन के लिए की गई कटिंग से हो रहे भूस्खलन के कारण मंडी कुल्लू के बीच मंडी से 40 किलोमीटर की दूरी पर बनी टनल नंबर 11 व 13 में पर्यटक रात भर फंसे रहे। इनमें अन्य वाहन चालक भी थे। टनल के दोनों ओर भारी मलबा गिरने से ये बंद हो गई थी। इन लोगों को एसडीएम बालीचौकी की अगुवाई में स्थानीय प्रशासन से खाने पीने का सामान उपलब्ध करवाया तथा टनलों के आगे से मलबा हटाकर इन्हें बड़ी मशक्कत के बाद निकाला गया।

इधर, मंडी पठानकोट फोरलेन की बिजनी टनल का प्रवेश द्वार भरभरा कर धड़ाम से गिर गया। मंडी पठानकोट के लिए निर्माणाधीन फोरलेन की मंडी के पास बन रही साढ़े तीन किलोमीटर लंबाई की टनल के काम की गुणवता पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। बिजनी के पास इन दो समानांतर टनलों को प्रवेश द्वार है। लेकिन मंगलवार को भारी बारिश के बीच यह भाग भरभरा कर धड़ाम से गिर गया। पहली ही बारिश न झेल पाने से टनल के काम की गुणवता सवालों के घेरे में आ गई। यह कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो चुका था। जब यह गिरा तो कई मजदूर व कंपनी के कर्मी मौके पर मौजूद थे जिन्होंने भाग कर अपनी जान बचाई।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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