Next Story
Newszop

इंदौरः रतनतलाई तालाब को मिला पुनर्जीवन, मंत्री सिलावट ने किया जीर्णोद्धार कार्य का लोकार्पण

Send Push

image

image

इंदौर, 22 जून (Udaipur Kiran) । जल संरक्षण और पर्यावरणीय पुनर्उद्धार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने रविवार को सांवेर विधानसभा क्षेत्र स्थित रतनतलाई तालाब के जीर्णोद्धार कार्य का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेशभर में चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत इस तालाब का कायाकल्प किया गया है। इस अवसर पर मंत्री सिलावट ने कहा कि रतनतलाई तालाब का पुनर्जीवन जल संरक्षण, सिंचाई सुविधा, पर्यावरण संतुलन और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।

बताया गया कि रतनतलाई तालाब का निर्माण वर्ष 1972 में जल संसाधन विभाग द्वारा किया गया था। वर्षों से अनुपयोगी हो चुके इस तालाब की जलग्रहण क्षमता 0.24 मिलियन घनमीटर और सिंचाई क्षमता 40 हेक्टेयर है। इस पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए वर्ष 2023 में 40.30 लाख रुपये की लागत से मरम्मत कार्य शुरू किए गए थे, जिसमें पाल पर मिट्टी भराव, स्लूस गेट एवं वेस्ट वियर निर्माण और लगभग 400 मीटर पिचिंग कार्य किए गए। इसके उपरांत वर्ष 2024 में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की मांग पर जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 71.57 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई, जिससे तालाब की 1100 मीटर अपस्ट्रीम साइड पिचिंग, एक हजार मीटर में पेवर ब्लॉक बिछाने, पाल पर वृक्षारोपण और सीमेंट-कांक्रीट की सीढ़ियों का निर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्य हुए है।

इस मौके पर मंत्री सिलावट ने कहा कि इस तालाब में पूरे वर्ष भर अपनी क्षमता के अनुसार पानी भरा रहेगा। इसके लिए उन्होंने नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना से पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि यह तालाब नगर परिषद सांवेर को हस्तांतरित किया किया जाएगा, जिससे कि इसका संधारण समुचित रूप से हो सकेगा और नगर परिषद इसे पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी।

मंत्री सिलावट ने उपस्थित जनसमुदाय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ को अपनाने की अपील करते हुए प्रत्येक व्यक्ति से कम से कम एक पौधा अपनी माँ के नाम पर लगाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह भावनात्मक रूप से भी एक प्रेरक पहल है, जिससे पर्यावरण संरक्षण और पारिवारिक मूल्यों दोनों को सुदृढ़ किया जा सकता है।

सिलावट ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान का उद्देश्य पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण कर जल संकट से निपटना है। रतनतलाई तालाब के कायाकल्प से क्षेत्र की सिंचाई सुविधा में विस्तार होगा, भूजल स्तर में सुधार आएगा और स्थानीय नागरिकों को एक सुंदर प्राकृतिक स्थल भी प्राप्त होगा। उन्होंने इसे सामूहिक प्रयासों का उत्कृष्ट उदाहरण बताया और कहा कि इस पहल से ग्रामीण क्षेत्र में हरियाली, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन, जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। तालाब के आसपास आने वाले समय में प्रमुख पर्यटन केंद्र और जल जागरूकता केंद्र के रूप में विकसित करने की भी योजना है, जिससे यह स्थान जल संरक्षण के साथ-साथ जनचेतना का केंद्र बन सकेगा।

(Udaipur Kiran) तोमर

Loving Newspoint? Download the app now