उज्जैन, 25 जून (Udaipur Kiran) । प्रदेश सरकार ने धार्मिक शहरों में मदिरा विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया है। उज्जैन नगर निगम सीमा भी इसमें शामिल है। इधर इस आदेश के बाद उज्जैन के राजस्व में 5.50 प्रतिशत की कमी आई है।
यह जानकारी बुधवार को उस समय संभागायुक्त संजय गुप्ता समक्ष आई,जब वे विकासवार अधिकरियों से जानकारी ले रहे थे। गुप्ता ने बताया कि आबकारी बैठक की अध्यक्षताकरते हुए उन्होने आबकारी विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक प्रशासनिक संकुल भवन में हुई। गुप्ता ने सभी जिलों के आबकारी अधिकारियों को कहा कि एनडीपीएस के कैस बनाते समय पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की मदद लें। उन्हें बैठकों में बुलाए। अवैध रूप से शराब की बिक्री न हो, कच्ची शराब का निर्माण बिल्कुल न हो इसके लिए सतत निगरानी और उचित धाराओं का उपयोग कर साक्ष्यों को व्यवस्थित रुप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। गुप्ता ने आबकारी अमले को एनडीपीएस एक्ट संबंधित प्रकरण बनाने के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने जिलेवार समूह को वितरित कंपोजिट मदिरा दुकानों की जानकारी ली। संभाग के सभी जिलों में आबकारी राजस्व में वृद्धि की समीक्षा की।
आबकारी उपायुक्त हर्षवर्धन राय ने बताया कि उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में शराब बंदी पश्चात 5.50 प्रतिशत राजस्व की कमी दर्ज की गई है। श्री गुप्ता ने वेयर हाउस के स्टॉक की जानकारी लेकर सतत निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उपायुक्त आबकारी राय ने बताया कि अब समूह को भी पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होता है। संभाग में दो स्थान उज्जैन व जावरा में आबकारी वेयरहाउस है जिसमें सीधे कंपनी से माल की आपूर्ति की जाती है एवं मांग के अनुसार स्टॉक को मेंटेन किया जाता है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। बैठक में संभाग में संचालित भांग दुकानों की समीक्षा कर उनसे प्राप्त राजस्व की जानकारी ली गई। बैठक में निधि जैन, विजय कुमार जैन, मंदाकिनी दीक्षित, बीएल दांगी, एनपी सिंह एवं विभिन्न जिलों के जिला आबकारी अधिकारी उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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