रांची, 29 जुलाई (Udaipur Kiran) । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड राज्य समन्वय समिति को पूरी तरह से औचित्यहीन और निष्क्रिय बताया है। उन्होंने कहा कि इस समिति का गठन विकास कार्यों में समन्वय के नाम पर किया गया था। लेकिन यह सत्ताधारी दलों के नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा देकर एक राजनीतिक उपहार योजना बनकर रह गई है।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 2022 के अंत में इस समिति का गठन किया गया था। आज ढाई वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद समिति की केवल एक ही बैठक 10 जून, 2023 में हुई। वर्ष 2024 और अब 2025 में कोई भी बैठक नहीं हुई है। 9 अक्टूबर 2024 को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश को भी इस समन्वय समिति का सदस्य बना कर राज्य मंत्री का दर्जा दे दिया गया।
प्रतुल ने कहा कि जब बैठकें ही नहीं हो रही हैं, तो क्या राज्य सरकार यह बताएगी कि समिति के सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा देने के नाम पर अब तक जनता के गाढ़ी कमाई के कई करोड़ रुपये फूंकने का क्या औचित्य है?
समन्वय समिति में कुल नौ सदस्य हैं और अधिकांश को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है। यह समिति जनता की भलाई के लिए न बनकर सिर्फ राजनीतिक समझौतों की पूर्ति के लिए बनी है।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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