रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जीएसटी घोटाले के मास्टरमाइंड अमित गुप्ता की कुल 15.41 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। अमित गुप्ता पर 734 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले में शामिल होने का गंभीर आरोप है। ईडी ने यह कार्रवाई जांच के दौरान मिली ठोस साक्ष्यों के आधार पर की है।
जानकारी के अनुसार, अमित गुप्ता और उसके गिरोह ने लगभग 135 फर्जी कंपनियां बनाईं और उनके माध्यम से फर्जी बिलिंग की। इस तरीके से उन्होंने सरकारी खजाने से जीएसटी राशि का गबन किया। जांच में यह भी पता चला कि इस घोटाले में शामिल सिंडिकेट को कुल 67 करोड़ रुपये का कमीशन प्राप्त हुआ।
ईडी अधिकारियों ने बताया कि अमित गुप्ता ने विभिन्न फर्जी कंपनियों के नाम पर लाखों रुपये का जीएसटी क्रेडिट हासिल किया और इसे वास्तविक लेनदेन के रूप में दाखिल किया। इसके चलते सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। अधिकारियों ने कहा कि यह मामला देश के सबसे बड़े जीएसटी घोटालों में से एक है।
ईडी ने जब्त संपत्ति में अमित गुप्ता और उसके परिवार के नाम पर दर्ज बैंक खाते, प्रॉपर्टी और अन्य मूल्यवान संपत्तियां शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन संपत्तियों की वैल्यू लगभग 15.41 करोड़ रुपये आंकी गई है। अब यह संपत्ति जांच के दौरान कब्जे में रखी जाएगी और भविष्य में कानून के अनुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
जांच अधिकारी ने कहा कि इस घोटाले में शामिल गिरोह ने वित्तीय नियमों और कराधान प्रणाली का गंभीर उल्लंघन किया है। उन्होंने बताया कि देश में जीएसटी लागू होने के बावजूद फर्जी बिलिंग और क्रेडिट क्लेम करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जो सरकार की राजस्व नीति के लिए गंभीर चुनौती हैं।
अमित गुप्ता पर आरोप है कि उसने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर फर्जी बिलिंग के जरिए बड़े पैमाने पर कर चोरी की। इस घोटाले की पूरी प्रक्रिया में सिंडिकेट ने सक्रिय भूमिका निभाई और लाखों रुपये का कमीशन हासिल किया। जांच एजेंसियों ने कहा कि इस मामले में आगे भी कई और गिरफ्तारियों की संभावना है।
वित्तीय अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे घोटाले देश की आर्थिक प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि वित्तीय निगरानी और ई-ऑडिटिंग प्रणाली को और अधिक सख्त करने की आवश्यकता है। इस मामले ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि डिजिटल और फर्जी लेनदेन की रोकथाम के लिए सरकारी एजेंसियों को सतर्क रहना होगा।
रांची में यह मामला पूरे राज्य और देश में चर्चा का विषय बन गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ईडी की यह कार्रवाई न केवल इस घोटाले में संलिप्त लोगों के खिलाफ चेतावनी है, बल्कि अन्य संभावित अपराधियों के लिए भी संदेश है कि वित्तीय धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अभी तक ईडी ने अमित गुप्ता के अलावा उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की संपत्तियों की भी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद पूरे घोटाले की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।
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