बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा (आर) प्रमुख चिराग पासवान के बीच आखिर ऐसी क्या कड़वाहट है, जिसकी वजह से भाजपा नीत एनडीए के दोनों सहयोगी दल फिर से भिड़ रहे हैं। राजनीतिक जानकार इसके तीन कारण बताते हैं। इसमें सबसे बड़ा कारण 1977 में बिहार में हुआ बेलछी नरसंहार है, जिससे इंदिरा गांधी ने दोबारा सत्ता हासिल की थी।
बिहार में नरसंहारों का दौर 1976 से शुरू हुआ
1- राजनीतिक जानकार चंद्र भूषण कहते हैं कि बिहार में नरसंहारों का दौर आपातकाल के बाद 1976 से शुरू हुआ। इसमें 27 मई 1977 को पटना के बेलछी गाँव में 14 दलितों की हत्या कर दी गई थी। इस घटना में पासवान जाति के 8 लोगों समेत 14 लोगों को ज़िंदा जला दिया गया था। इसके लिए कुर्मी समुदाय को ज़िम्मेदार ठहराया गया। इसके बाद अति पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग का वोटिंग पैटर्न बदलने लगा। रामविलास पासवान दलित राजनीति का चेहरा बन गए जबकि लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार पिछड़ा वर्ग के नेता बन गए। चंद्रभूषण के अनुसार, नीतीश कुमार और रामविलास या चिराग़ के बीच राजनीतिक तालमेल में काफ़ी दिक्कतें हैं। अगर ये गठबंधन करते भी हैं, तो ज़्यादा दिन नहीं टिकता या फिर हमेशा टकराव बना रहता है। एनडीए में आने के बाद से दोनों दलों के बीच सामंजस्य नहीं रहा है।
You may also like
IND vs ENG 3rd Test Day 5: भारत की मुश्किलें बढ़ीं, इंग्लैंड से हार के करीब, 112/8 पर सिमटी दूसरी पारी
₹1500 की 26वीं किस्त कब मिलेगी? सरकार ने दी बड़ी अपडेट, यहाँ देखें तारीख
आजम खान को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने भड़काऊ भाषण के केस को ट्रांसफर करने की याचिका खारिज की
असीम कुमार घोष बने हरियाणा के 19वें राज्यपाल, लेंगे बंडारू दत्तात्रेय की जगह
Jio का बड़ा धमाका: 3kW Solar Panel लगवाओ और पाओ 100% सब्सिडी, जानें कैसे करें आवेदन!