नोएडा के एक निजी वृद्धाश्रम से गुरुवार को बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब वहां उत्तर प्रदेश महिला आयोग, नोएडा पुलिस और समाज कल्याण विभाग की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर 39 बुजुर्गों को दयनीय हालत में पाया। इन बुजुर्गों को मौके से रिहा कर बचाया गया और अब उन्हें सरकारी वृद्धाश्रम में स्थानांतरित किए जाने की तैयारी की जा रही है।
कैसे हुआ खुलासा?यह कार्रवाई गोपनीय शिकायतों के आधार पर की गई, जिसमें वृद्धाश्रम में रह रहे लोगों के साथ अनदेखी, अमानवीय व्यवहार और खराब व्यवस्थाओं की बात सामने आई थी। छापेमारी के दौरान टीम ने देखा कि वहां रह रहे बुजुर्गों को उचित भोजन, चिकित्सा सुविधा और साफ-सफाई तक मुहैया नहीं कराई जा रही थी। कुछ बुजुर्गों की स्थिति तो इतनी खराब थी कि वे बिस्तर पर असहाय पड़े थे।
बुजुर्गों की स्थिति देख भावुक हुईं अधिकारीमौके पर पहुंची महिला आयोग की सदस्य और समाज कल्याण विभाग के अधिकारी बुजुर्गों की हालत देखकर भावुक हो गए। कई बुजुर्गों ने बताया कि उन्हें परिवार वालों ने छोड़ दिया है और वृद्धाश्रम में किसी तरह का सम्मान या देखभाल नहीं मिल रही थी। कुछ ने यह भी कहा कि उन्हें जबरन वहां रखा गया था और बाहर जाने की इजाजत नहीं दी जाती थी।
स्थानांतरण की तैयारीप्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बुजुर्गों के लिए स्वस्थ रहने की अस्थायी व्यवस्था कराई है और कहा है कि अगले दो से तीन दिनों में सभी को सरकारी वृद्धाश्रमों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जहां उन्हें बेहतर देखभाल, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।
संस्था के खिलाफ कार्रवाई की तैयारीनोएडा पुलिस और समाज कल्याण विभाग ने वृद्धाश्रम संचालकों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। महिला आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई अनियमितता, शोषण या कानूनी उल्लंघन पाया गया, तो संस्था पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एक अधिकारी ने कहा, "बुजुर्ग समाज की जिम्मेदारी हैं, और उनके साथ इस तरह का व्यवहार बेहद निंदनीय है। हम सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।"
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