देश की आर्थिक रीढ़ माने जाने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। अमर उजाला द्वारा शुरू की गई विशेष शृंखला ‘एमएसएमई फॉर भारत’ के तहत शनिवार को एक साथ आठ शहरों में कार्यक्रमों का सफल आयोजन हुआ।
26 शहरों में होगा आयोजनकार्यक्रम श्रृंखला के पहले चरण में कुल 26 शहरों में क्षेत्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इनमें से आठ शहरों में हुए सफल आयोजन ने न केवल स्थानीय उद्योगों को उत्साहित किया, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि छोटे उद्योगों को जोड़ने और उन्हें बड़े मंच तक पहुंचाने की जरूरत और महत्व कितना अधिक है।
उद्देश्य और मंशा‘एमएसएमई फॉर भारत’ का मुख्य उद्देश्य यह है कि छोटे और मझोले उद्योग बदलते कारोबारी माहौल और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खुद को तैयार कर सकें। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने उद्यमियों को नई तकनीकों, वित्तीय प्रबंधन, डिजिटल मार्केटिंग और निर्यात संभावनाओं से जुड़ी जानकारियां दीं।
उद्यमियों की भागीदारीआयोजन के दौरान स्थानीय उद्यमियों, कारोबारियों और उद्योग संगठनों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि ऐसे मंच उन्हें न केवल नए अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि अन्य सफल उद्यमियों से सीखने का अवसर भी मिलता है।
सरकार और उद्योग जगत की साझेदारीकॉन्क्लेव में यह संदेश भी दिया गया कि केंद्र और राज्य सरकारें एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए लगातार नीतियां बना रही हैं। ‘एमएसएमई फॉर भारत’ जैसे कार्यक्रम इन नीतियों को जमीन पर उतारने और उद्यमियों तक पहुँचाने का माध्यम बन सकते हैं।
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