मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में कई महत्वपूर्ण और आइकोनिक भवनों का निर्माण किया गया है, जिसमें वास्तुविदों की अहम भूमिका रही है। भवन निर्माण के क्षेत्र में सौंदर्य, कार्यक्षमता और तकनीकी पहलुओं का संतुलन बनाए रखने के लिए वास्तुविदों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वास्तुविदों का कार्य केवल इमारतों की डिज़ाइन तैयार करना ही नहीं होता, बल्कि पूरी निर्माण प्रक्रिया में रचनात्मक और तकनीकी मार्गदर्शन देना होता है, ताकि निर्मित भवन न केवल आकर्षक हो, बल्कि वहां धूप, हवा, और रोशनी का भी सही संतुलन हो।
नए वास्तुविदों की नियुक्तिराज्य सरकार द्वारा नवनियुक्त वास्तुविदों की नियुक्ति से यह स्पष्ट होता है कि भवन निर्माण के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। वास्तुविदों के चयन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य में होने वाले बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों का अनुश्रवण बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। नए सिरे से वास्तुविद् सेवा संवर्ग का गठन भवन निर्माण विभाग के तहत किया गया है, जो सुनिश्चित करेगा कि सभी निर्माण कार्य बिल्डिंग बाईलॉज के अनुसार हों और गुणवत्ता में सुधार हो।
वास्तुविदों के लिए स्वीकृत पदराज्य सरकार ने नवनियुक्त वास्तुविदों की सेवा का विस्तार विभिन्न विभागों में किया है। गृह विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, शिक्षा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पर्यटन विभाग, उद्योग विभाग और निगमों तथा प्राधिकरणों के अंतर्गत स्वीकृत पदों के अनुसार इन वास्तुविदों को कार्य सौंपे जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि विभिन्न विभागों में भवन निर्माण कार्यों का सही अनुश्रवण और तकनीकी मार्गदर्शन मिल सके।
चयनित वास्तुविदों की विशेषताएं101 चयनित वास्तुविदों में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। इनमें से 31 ऐसे वास्तुविद हैं जिन्होंने प्लानिंग में पीजी की योग्यता प्राप्त की है, जबकि 2 ऐसे वास्तुविद हैं जिनके पास आपदा जोखिम प्रबंधन में विशेषज्ञता है। इसके अलावा, 2 वास्तुविद ऐसे हैं जो शहरी डिज़ाइनिंग और 2 अन्य लैंडस्केपिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। ऐसे वास्तुविदों को उनके विशेष योग्यता के अनुसार कार्य आवंटित करने का प्रस्ताव है, ताकि उनकी विशेषज्ञता का अधिकतम लाभ लिया जा सके।
सरकार की परिकल्पनाराज्य सरकार की यह परिकल्पना है कि इन नवनियुक्त वास्तुविदों के मार्गदर्शन और विशेषज्ञता के माध्यम से राज्य में और भी बेहतरीन भवनों का निर्माण होगा। इसके अलावा, सरकार की यह भी योजना है कि बड़े निर्माण कार्यों में बिल्डिंग बाईलॉज के अनुसार बेहतर अनुश्रवण सुनिश्चित किया जा सके, जिससे निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समय पर काम हो सके।
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