राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। टास्क फोर्स ने भरतपुर जिले के कामां में जज के पिता और भाई की हत्या के मुख्य आरोपी को 15 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था। शुक्रवार को AGTF ने उसे गाजियाबाद से दबोच लिया।
15 साल से फरार था आरोपीजानकारी के अनुसार, आरोपी 2009 में कामां कस्बे में हुई जज के परिवारजनों की हत्या के बाद से फरार चल रहा था। इस वारदात ने उस समय पूरे प्रदेश को हिला दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच CBI को सौंपी गई थी। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए तमाम कोशिशें हुईं, लेकिन वह लगातार पुलिस को चकमा देता रहा। आखिरकार राजस्थान पुलिस की एजीटीएफ ने टेक्निकल सर्विलांस और गुप्त सूचना के आधार पर उसे गाजियाबाद से पकड़ लिया।
हत्या का मामलाउस समय हुई घटना में जज के पिता और भाई की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, आरोपी पेशेवर अपराधी है और उस पर हत्या, लूट और गैंगवार से जुड़े कई मामले दर्ज हैं। हत्या के इस मामले ने न्यायपालिका तक को झकझोर दिया था और आरोपी को पकड़ने के लिए कई राज्यों की पुलिस ने सघन प्रयास किए थे।
5 लाख रुपए का इनामCBI ने आरोपी को पकड़वाने के लिए 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। इतना बड़ा इनाम घोषित होना यह दर्शाता है कि आरोपी कितना खतरनाक और शातिर अपराधी था। लंबे समय तक फरार रहने के बावजूद पुलिस ने उसकी तलाश जारी रखी और आखिरकार गिरफ्तारी संभव हो सकी।
एजीटीएफ की बड़ी सफलताएजीटीएफ अधिकारियों के अनुसार, आरोपी लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहता था। कभी उत्तर प्रदेश तो कभी दिल्ली-एनसीआर में छिपकर रह रहा था। गाजियाबाद में उसके सक्रिय होने की जानकारी मिलने पर एजीटीएफ ने जाल बिछाया और उसे दबोच लिया। उसकी गिरफ्तारी को राजस्थान पुलिस की हालिया बड़ी उपलब्धियों में गिना जा रहा है।