पाकिस्तान से तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर अब बुलेटप्रूफ कार में चलेंगे। विदेश मंत्री को पहले से ही जेड स्तर की सुरक्षा प्राप्त है, लेकिन अब उनके काफिले में एक बुलेटप्रूफ वाहन भी शामिल कर दिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि उनकी सुरक्षा के लिए 33 कमांडो की टीम 24 घंटे तैनात रहती है। इस खास बुलेटप्रूफ कार में कई ऐसे खतरनाक फीचर्स हैं, जो इस पर हमला करने वालों को मौत के घाट उतार सकते हैं। आपको बता दें कि पहलगाम आतंकी हमला, फिर 'ऑपरेशन सिंदूर' और उसके बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने दोनों देशों के रिश्तों को और खराब कर दिया है। बुलेट प्रूफ कार की विशेषताएं क्या हैं? आइये पता करें।
बुलेटप्रूफ वाहन की विशेषताएंबुलेटप्रूफ कार एक तरह से चलती-फिरती सुरक्षा कवच है। इसमें बैठे हर व्यक्ति को पूरी सुरक्षा मिलती है। खास बात यह है कि बाहर से यह एक सामान्य कार की तरह ही दिखती है। इन कारों में बुलेटप्रूफ शीशे लगे हैं। कारों के बॉडी पैनल में कवच प्लेटें होती हैं। इस बुलेटप्रूफ कार में बख्तरबंद ईंधन टैंक, इंजन कम्पार्टमेंट सुरक्षा, जीपीएस और ओवरलैप सिस्टम तथा टेल पाइप सुरक्षा की सुविधा है।
कितनी बुलेटप्रूफ कारें बनाई जाती हैं?भारत में बुलेटप्रूफ कारें बनाने के लिए 6.5 मिमी मोटी धातु शीट का उपयोग किया जाता है। एक बुलेटप्रूफ कार की कीमत करोड़ों रुपए होती है। रिपोर्टों के अनुसार, मर्सिडीज या बीएमडब्ल्यू जैसी कारों की पूरी बुलेट प्रूफिंग पर लगभग 3 से 4 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।
AK-47 भी बेअसरबुलेटप्रूफ ग्लास को बैलिस्टिक ग्लास के नाम से भी जाना जाता है। बुलेटप्रूफ ग्लास गोलियों को कार के विंडशील्ड पर लगने से रोकता है। ऐसा कहा जाता है कि इन कारों के सामने एके-47 भी बेअसर हैं। इतना ही नहीं, इन कारों पर ऊपर से हमला नहीं किया जा सकता, इसलिए छत की सुरक्षा के लिए कवच ग्रेड को उसी हिसाब से डिजाइन किया गया है।
विशेष रन फ्लैट टायरबुलेटप्रूफ कारों में विशेष रन फ्लैट टायर का उपयोग किया जाता है। इन टायरों पर हमला होने पर भी ये नीचे नहीं गिरते। कहा जाता है कि बैलिस्टिक हमले से भी इस टायर पर कोई असर नहीं होता। पंचर होने पर भी ये टायर 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लगभग 160 से 320 किमी की दूरी तय कर सकते हैं।
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