जानकारी: गर्मी के मौसम में कूलर, पंखे और एसी का उपयोग आम बात है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, लोग पंखे की स्पीड को भी बढ़ा देते हैं। कई लोग मानते हैं कि पंखे की स्पीड बढ़ाने से बिजली बिल पर असर पड़ता है। आइए, इस विषय पर विस्तार से जानते हैं।
जब आप पंखे को 5 स्पीड पर चलाते हैं, तो इसकी बिजली खपत बढ़ जाती है। पंखे की स्पीड जितनी अधिक होगी, मोटर उतनी ही तेजी से चलेगी, जिससे बिजली की खपत भी बढ़ेगी। हालांकि, यह अंतर बहुत बड़ा नहीं होता, फिर भी बिजली की खपत में वृद्धि होती है। आइए, इसके पीछे के तर्क को समझते हैं।
वर्तमान में, बाजार में ऐसे रेगुलेटर उपलब्ध हैं जो बिजली की खपत को प्रभावित नहीं करते। ये केवल पंखे की स्पीड को नियंत्रित करते हैं, जिससे बिजली की खपत समान रहती है।
पहले के समय में ऐसे रेगुलेटर होते थे जो वोल्टेज को कम करके पंखे की स्पीड को नियंत्रित करते थे। ऐसे में, पंखे की स्पीड चाहे जितनी भी हो, बिजली की खपत समान रहती थी। यदि आपके पास ऐसा रेगुलेटर है, तो आप पंखा तेज या धीमा चलाएं, बिजली की खपत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ई-रेगुलेटर का उपयोग
आजकल ई-रेगुलेटर का उपयोग बढ़ रहा है, जो पंखे की स्पीड को नियंत्रित करने के लिए बिजली का उपयोग करते हैं।
इसका मतलब है कि जब आप पंखे की स्पीड बढ़ाते हैं, तो रेगुलेटर अधिक बिजली का उपयोग करता है। जब आप पंखे को 1 स्पीड पर चलाते हैं, तो कम बिजली की खपत होती है, जबकि 5 स्पीड पर चलाने पर अधिक बिजली की खपत होती है।
इसलिए, अगली बार जब आप पंखा चलाएं, तो ध्यान रखें कि 5 स्पीड पर चलाने से बिजली का बिल बढ़ सकता है।
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