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ओला का 0% कमीशन मॉडल: ड्राइवरों के लिए गेमचेंजर फैसला, जानिए क्या होंगे फायदे?

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ओला का 0% कमीशन मॉडल: ड्राइवरों के लिए गेमचेंजर फैसला, जानिए क्या होंगे फायदे?

ओला ने अपने ड्राइवर पार्टनर्स के लिए एक बड़ा और क्रांतिकारी फैसला लिया है। अब देशभर में ड्राइवरों से कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा। इस फैसले से 10 लाख से ज़्यादा ड्राइवरों को अपनी पूरी कमाई अपने पास रखने का फ़ायदा मिलेगा। ओला का कहना है कि ड्राइवरों को ज़्यादा फ़ायदा पहुँचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

शून्य कमीशन मॉडल: यह क्या है और यह कैसे काम करेगा?

ओला ने अपने ड्राइवर पार्टनर्स के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब कंपनी अपने ड्राइवर पार्टनर्स से कोई कमीशन नहीं लेगी। यह नियम पूरे देश में लागू हो गया है। इससे ओला से जुड़े 10 लाख से ज़्यादा ड्राइवर अपनी पूरी कमाई अपने पास रख सकेंगे। उन्हें अपनी कमाई का कोई हिस्सा ओला को नहीं देना होगा। ओला ने ड्राइवर पार्टनर्स को ज़्यादा फ़ायदा पहुँचाने के लिए यह कदम उठाया है।

ओला ने कहा कि अब ड्राइवर अपनी पसंद का प्लान चुन सकेंगे। वे बिना किसी कटौती के पूरा किराया अपने पास रख सकेंगे। पहले ओला ड्राइवर पार्टनर्स से कमीशन लेती थी, लेकिन अब यह कमीशन पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। यह नियम ऑटो-रिक्शा, बाइक और कैब सेवाओं पर लागू होगा।

ड्राइवरों के लिए अधिक अधिकार और अवसर

ओला कंज्यूमर के प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “पूरे भारत में जीरो कमीशन मॉडल की शुरुआत राइड सर्विस बिजनेस में बड़ा बदलाव है। कमीशन हटाने से ड्राइवर पार्टनर्स को कई और अधिकार और अवसर मिलेंगे।” यानी ओला का मानना है कि यह कदम ड्राइवर पार्टनर्स के लिए काफी फायदेमंद होगा।

प्रवक्ता ने आगे कहा कि ड्राइवर पार्टनर परिवहन व्यवस्था की रीढ़ हैं। उनके अनुसार, “उन्हें अपनी कमाई पर पूरा नियंत्रण देने से देश भर में एक मजबूत और टिकाऊ राइड बिजनेस नेटवर्क बनाने में मदद मिलेगी।” ओला का मानना है कि ड्राइवर पार्टनर को अपनी कमाई पर पूरा नियंत्रण होना चाहिए। इससे वे बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे।

नये आयोग मॉडल का क्रियान्वयन कैसे किया गया?

ओला ने कहा कि इस नए कमीशन मॉडल को धीरे-धीरे लागू किया गया। सबसे पहले इसे ओला ऑटो में शुरू किया गया। बाद में इसे ओला बाइक्स और ओला कैब्स में भी लागू किया गया। ओला ने यात्रियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा है। कंपनी ने कहा कि ड्राइवर वेरिफिकेशन, वाहन की गुणवत्ता और ऐप पर आपातकालीन सुविधा जैसे सुरक्षा नियमों का पालन किया जाएगा। ओला का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा उसकी पहली प्राथमिकता है।

ड्राइवरों को बहुत लाभ होगा और उद्योग में बदलाव आएगा

ओला के इस फैसले से ड्राइवर पार्टनर्स को काफी फायदा होगा। वे अपनी कमाई का ज्यादा हिस्सा अपने पास रख सकेंगे। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। इसके साथ ही ओला ने यात्रियों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा है। यह कदम ओला को और लोकप्रिय बना सकता है। ओला के इस कदम से दूसरी कैब सर्विस कंपनियों पर भी दबाव बढ़ सकता है। संभव है कि वे भी अपने ड्राइवर पार्टनर्स के लिए कुछ ऐसे ही कदम उठाएं। इससे पूरी कैब सर्विस इंडस्ट्री में बदलाव आ सकता है।

इससे पहले क्या हो रहा था?

परंपरागत रूप से, ओला और अन्य राइड-हेलिंग प्लेटफ़ॉर्म प्रत्येक सवारी के किराए का एक निश्चित प्रतिशत (आमतौर पर 15% से 30%) कमीशन के रूप में काटते थे। मान लीजिए कि एक सवारी का किराया 100 रुपये है और ओला का कमीशन 20% है, तो ड्राइवर को 80 रुपये मिलेंगे और ओला 20 रुपये लेगी।

इस मॉडल का उद्देश्य

यह मॉडल मुख्य रूप से ड्राइवरों को अधिक कमाने का अवसर प्रदान करने के लिए पेश किया गया है। इससे ओला को बाजार में मौजूद अन्य प्रतिस्पर्धियों जैसे कि नम्मा यात्री, रैपिडो से प्रतिस्पर्धा करने में भी मदद मिलेगी, जिन्होंने पहले से ही ऐसे शून्य-कमीशन या निश्चित-शुल्क मॉडल अपनाए हैं। यह प्लेटफ़ॉर्म पर ड्राइवरों को बनाए रखने और नए ड्राइवरों को आकर्षित करने का एक तरीका है।

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