एक बड़ी खबर आ रही है कि दिग्गज टेक कंपनी सैमसंग (Samsung) अपने कुछ स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने का काम वियतनाम से हटाकर भारत लाने पर विचार कर रही है। इस कदम के पीछे मुख्य वजह अमेरिका द्वारा वियतनाम से आने वाले सामान पर भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने का डर है। मनीकंट्रोल को सूत्रों से पता चला है कि सैमसंग ने भारत की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों जैसे भगवती (माइक्रोमैक्स) और डिक्सन टेक्नोलॉजीज के साथ इस बारे में बातचीत भी शुरू कर दी है।
क्यों उठ रहा है ये कदम?
दरअसल, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वियतनाम पर 46% का भारी टैरिफ लगाने की बात कही थी, जबकि भारत के लिए यह दर 26% प्रस्तावित थी। हालांकि, 9 अप्रैल को एक घोषणा में कहा गया कि फिलहाल 90 दिनों के लिए चीन को छोड़कर बाकी देशों से आने वाले सामान पर यह टैरिफ 10% ही रहेगा। लेकिन भविष्य के इस जोखिम को देखते हुए कंपनियां, खासकर सैमसंग जैसी बड़ी निर्यातक कंपनी, सतर्क हो गई हैं और विकल्प तलाश रही हैं।
एक सूत्र ने मनीकंट्रोल को इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, “हाँ, भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) कंपनियों के साथ बातचीत शुरू हो चुकी है, इनमें सैमसंग के मौजूदा पार्टनर भी शामिल हैं। सिर्फ सैमसंग ही नहीं, वियतनाम में स्थित दूसरी कई कंपनियां भी अपना कुछ उत्पादन भारत शिफ्ट करने के मौके तलाश रही हैं। सैमसंग और उसके पार्टनर मिलकर भारत में उत्पादन बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।”
वियतनाम है सैमसंग का बड़ा गढ़, पर भारत क्यों?
आपको बता दें कि वियतनाम अभी सैमसंग के लिए सबसे बड़ा प्रोडक्शन हब है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, सैमसंग दुनिया भर में जितने स्मार्टफोन बेचती है (करीब 22 करोड़ सालाना), उनमें से लगभग 60% अकेले वियतनाम में ही बनते हैं। यहीं से सैमसंग अपने दूसरे सबसे बड़े बाजार यानी अमेरिका की मांग भी पूरी करती है। ऐसे में, व्यापारिक तनाव (ट्रेड टेंशन) बढ़ने से कंपनी भारत को एक महत्वपूर्ण विकल्प के तौर पर देख रही है।
सूत्रों के अनुसार, सैमसंग इस शिफ्ट के लिए उत्तर प्रदेश और चेन्नई में मौजूद अपने कारखानों के साथ-साथ अपने भारतीय EMS पार्टनर्स की फैक्ट्रियों का भी इस्तेमाल कर सकती है। यहाँ न सिर्फ स्मार्टफोन, बल्कि टीवी और घरेलू उपकरणों (होम अप्लायंसेज) जैसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स का उत्पादन भी शिफ्ट किया जा सकता है, जिन्हें निर्यात किया जाएगा।
भारत में पहले से मौजूद है सैमसंग, PLI का भी फायदा
गौरतलब है कि सैमसंग पहले से ही भारत में उत्तर प्रदेश और चेन्नई स्थित अपने प्लांट में बड़े पैमाने पर स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स बनाती है। साथ ही, कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज जैसे भारतीय पार्टनर्स से भी कुछ खास मॉडल बनवाती है। सैमसंग पिछले 5 सालों से भारत सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम का भी हिस्सा रही है और इसका लाभ उठा रही है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी अब तक इस स्कीम के तहत 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के इंसेंटिव की हकदार बन चुकी है। यह कदम भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए भी एक बड़ी सफलता हो सकती है।
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