Next Story
Newszop

विदेशी निवेशकों का यू-टर्न: जमकर खरीद के बाद अब बिकवाली की राह

Send Push

मुंबई: भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति और टैरिफ को लेकर अमेरिका की अनिश्चितता के बावजूद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने विदेशी फंडों की खरीद बंद कर दी है और लगातार 16 दिनों तक खरीदार रहने के बाद अब वे भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध विक्रेता हैं।

15 अप्रैल से लगातार 16 कारोबारी सत्रों में भारतीय शेयरों में 6 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने के बाद, 9 मई 2025 को हुई बिकवाली के बाद एफपीआई ने 13 अप्रैल को 477 करोड़ रुपये के शेयर भी बेचे हैं। दूसरी ओर, डीआईआई-घरेलू संस्थागत निवेशक फिर से बड़े खरीदार के तौर पर नजर आए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ में 90 दिन की देरी की घोषणा के बाद से एफपीआई लगातार शेयर खरीद रहे हैं। एनएसडीएल के आंकड़ों से पता चला है कि एफपीआई ने 9 मई 2025 को 281.0 मिलियन डॉलर मूल्य के शेयर बेचे थे।

हालांकि, 12 मई को एफपीआई 1.50 करोड़ रुपये के शेयरों के शुद्ध खरीदार थे। 1246 करोड़ रु. कल मंगलवार 13 मई को 1,000 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिक्री हुई। एफपीआई द्वारा 477 करोड़ रु.

गौरतलब है कि अप्रैल मध्य से अब तक सेंसेक्स और निफ्टी में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। हाल की तेजी और विदेशी फंडों की खरीदारी के कारण भारतीय रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है। चौथी तिमाही का कॉर्पोरेट आय सीजन भी कुल मिलाकर निराशाजनक रहा है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने निफ्टी 50 की आय में साल-दर-साल सिर्फ 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। जो वृद्धि देखी गयी है वह उपभोक्ता, आईटी और पूंजीगत वस्तुओं जैसे क्षेत्रों तक ही सीमित रही है। बेशक, व्यापक स्तर पर मूल्यांकन खतरे के संकेत दे रहे हैं। बैंक और दूरसंचार सहित कई क्षेत्र वर्तमान में पूर्ण मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं।

यदि मध्यम और लघु पूंजी खंडों में मूल्यांकन बढ़ा हुआ रहा और कंपनियों के परिणाम निराशाजनक रहे तो रेटिंग डाउनग्रेड का जोखिम बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

बरस्टीन की ताजा रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2026 में एनएसई 100 कंपनियों के लिए 15 फीसदी की आय वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। जबकि एनएसई 200 के लिए 14 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। एनएसई 200 के लिए मार्जिन 126 आधार अंक बढ़कर 15.5 फीसदी होने का अनुमान है। चौथी तिमाही के परिणाम कुल मिलाकर कमजोर रहे हैं, अब वित्त वर्ष 2026 के लिए आय वृद्धि 10 से 12 प्रतिशत अनुमानित है।

Loving Newspoint? Download the app now