मलेशिया मास्टर्स बैडमिंटन टूर्नामेंट: भारतीय खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत अपना लंबा खिताबी सूखा खत्म नहीं कर सके और रविवार को आयोजित मलेशिया मास्टर्स सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट के पुरुष एकल फाइनल में दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी चीन के ली शि फेंग से सीधे गेम में हार गए। चोटों और गंवाए अवसरों से उबरकर श्रीकांत ने छह वर्षों में पहली बार बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स में प्रवेश किया। क्वालीफाइंग दौर से शुरुआत कर फाइनल तक पहुंचने वाले भारतीय खिलाड़ी को दूसरे वरीय शी फेंग से 36 मिनट में 11-21, 9-21 से हार का सामना करना पड़ा, जिससे उनका प्रभावशाली अभियान समाप्त हो गया। उन्हें शी फेंग की मजबूत रक्षा को भेदने में कठिनाई हुई और वे शुरुआती अवसरों को सफलता में बदलने में असफल रहे।
मैच के बाद श्रीकांत ने कहा, ‘‘यह सप्ताह काफी अच्छा रहा। इस सीज़न में यह मेरी तीसरी प्रतियोगिता है, मैंने पहले दो प्रतियोगिताओं में भी अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन मुझे उनमें ज्यादा सफलता नहीं मिली थी। मैं अब तक जिस तरह से खेल रहा हूं उससे बहुत खुश हूं। मैं आज उस तरह नहीं खेल पाया जैसा मैं खेलना चाहता था, लेकिन शी फेंग ने बहुत अच्छा खेला। इसलिए मंच पर वापस आना सचमुच विशेष अनुभव है। इस हार के बावजूद उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है।
इस महीने की शुरुआत में वह विश्व रैंकिंग में 82वें स्थान पर खिसक गये थे। अपने शानदार कौशल से उन्होंने दुनिया को अपनी क्षमता से परिचित करा दिया है। श्रीकांत आखिरी बार 2019 में बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर पर इंडिया ओपन के फाइनल में पहुंचे थे। तब भी वह उपविजेता रहे थे। वह 2021 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता भी थे। आने वाले समय में उन्हें और भी बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
शुरुआत में गलतियाँ करने के कारण अंक गंवाए गए।श्रीकांत ने शुरूआती गलतियां कीं जिससे उन्हें अंक गंवाने पड़े और शी फेंग ने 6-3 की बढ़त ले ली। भारतीय खिलाड़ी ने बैंकहैंड पर सीधा स्मैश मारा, जिससे उनके प्रतिद्वंद्वी को 8-5 की बढ़त मिल गई। श्रीकांत के नेट पर स्मैश ने भारतीय खिलाड़ी को ब्रेक तक पांच अंकों की बढ़त दिला दी। साचा की गलतियों की श्रीकांत को भारी कीमत चुकानी पड़ी। उनके दो ढीले शॉट लंबे चले गए और ली फेंग ने सटीक क्रॉसकोर्ट विजेता के साथ जवाब दिया, जिससे स्कोर 14-8 हो गया। श्रीकांत 10-16 से पीछे थे। ली फेंग ने लगातार डाउन-द-लाइन स्मैश के साथ 16 मिनट में ही शुरुआती गेम समाप्त कर दिया। हालाँकि, दूसरे गेम में श्रीकांत ने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन कड़ी रैली के बावजूद, उनके स्ट्रोक अक्सर चौड़े हो जाते थे, जिससे ली फेंग को ब्रेक तक 11-5 की बढ़त हासिल करने में मदद मिली।
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