मुंबई: आत्मविश्वास से भरी भारतीय टीम महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में रविवार को यहां जब मैदान पर उतरेगी तो उसे पिछले सात में से छह मैच जीत कर खिताबी मुकाबले में पहुंची दक्षिण अफ्रीका की कड़ी चुनौती से पार पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा। बता दें कि साउथ अफ्रीका पहली बार महिला वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है। यह मुकाबला सिर्फ एक खिताब के लिए जंग नहीं हैं, बल्कि महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है क्योंकि इस फाइनल से नया विश्व चैंपियन मिलने वाला है।
तीसरी बार फाइनल में पहुंची भारतीय टीमभारतीय टीम तीसरी बार (2005 और 2017 के बाद) इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है, जबकि दक्षिण अफ्रीका की टीम पहली बार खिताबी मुकाबले में पहुंची है। दोनों टीमें शानदार फॉर्म में हैं और जबरदस्त आत्मविश्वास के साथ मैदान पर उतरेंगी। भारत पर एक समय लीग चरण से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था लेकिन बल्लेबाजों ने अहम समय पर लय हासिल कर टीम को खिताबी मुकाबले में पहुंचाया तो वहीं दक्षिण अफ्रीका को अपने अभियान के दौरान लीग चरण के शुरुआती मैच में इंग्लैंड और आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। इन दोनों मैचों के अलावा उसने हर मुकाबले में दबदबे वाला प्रदर्शन किया। मेजबान भओवरों में विकेट की उम्मीद करेगी।
भारत-साउथ अफ्रीका के फाइनल मैच की पिच रिपोर्ट
भारत ने नवी मुंबई में बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड बनाया है ऐसे में टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी का विकल्प चुन सकती है। लेकिन फाइनल का दबाव लक्ष्य का पीछा करने को कठिन बना सकता है। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग मानी जाती है। इस पिच पर बल्लेबाजों को काफी मदद मिलती है।
अच्छा पेस और बाउंस होने की वजह से गेंद बल्ले पर अच्छी आती है। हमें एक हाई स्कोरिंग मैच देखने को मिल सकता है। तेज गेंदबाजों से ज्यादा यहां स्पिनर्स को मदद मिलेगी। गेंद पुरानी होने के बाद यहां स्पिनर्स को फायदा होता है। अब तक गिरे 45 विकेटों में से, 29 विकेट स्पिनरों ने लिए हैं। 3 बार बल्लेबाजी टीम ने इस वर्ल्ड कप में डीवाई पाटिल स्टेडियम में 300 से ज्यादा का स्कोर बना लिया है। अब तक इस मैदान पर 3 वनडे खेले गए हैं, जिसमें से पहले बैटिंग करने वाली टीम 2 तो पहले बॉलिंग करने वाली टीम एकमात्र मैच जीती है। पहली पारी का औसत स्कोर यहां 249 रन है।
(भाषा के इनपुट के साथ)
तीसरी बार फाइनल में पहुंची भारतीय टीमभारतीय टीम तीसरी बार (2005 और 2017 के बाद) इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है, जबकि दक्षिण अफ्रीका की टीम पहली बार खिताबी मुकाबले में पहुंची है। दोनों टीमें शानदार फॉर्म में हैं और जबरदस्त आत्मविश्वास के साथ मैदान पर उतरेंगी। भारत पर एक समय लीग चरण से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था लेकिन बल्लेबाजों ने अहम समय पर लय हासिल कर टीम को खिताबी मुकाबले में पहुंचाया तो वहीं दक्षिण अफ्रीका को अपने अभियान के दौरान लीग चरण के शुरुआती मैच में इंग्लैंड और आखिरी मैच में ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था। इन दोनों मैचों के अलावा उसने हर मुकाबले में दबदबे वाला प्रदर्शन किया। मेजबान भओवरों में विकेट की उम्मीद करेगी।
भारत-साउथ अफ्रीका के फाइनल मैच की पिच रिपोर्ट
भारत ने नवी मुंबई में बड़े लक्ष्य का पीछा करने का रिकॉर्ड बनाया है ऐसे में टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी का विकल्प चुन सकती है। लेकिन फाइनल का दबाव लक्ष्य का पीछा करने को कठिन बना सकता है। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग मानी जाती है। इस पिच पर बल्लेबाजों को काफी मदद मिलती है।
अच्छा पेस और बाउंस होने की वजह से गेंद बल्ले पर अच्छी आती है। हमें एक हाई स्कोरिंग मैच देखने को मिल सकता है। तेज गेंदबाजों से ज्यादा यहां स्पिनर्स को मदद मिलेगी। गेंद पुरानी होने के बाद यहां स्पिनर्स को फायदा होता है। अब तक गिरे 45 विकेटों में से, 29 विकेट स्पिनरों ने लिए हैं। 3 बार बल्लेबाजी टीम ने इस वर्ल्ड कप में डीवाई पाटिल स्टेडियम में 300 से ज्यादा का स्कोर बना लिया है। अब तक इस मैदान पर 3 वनडे खेले गए हैं, जिसमें से पहले बैटिंग करने वाली टीम 2 तो पहले बॉलिंग करने वाली टीम एकमात्र मैच जीती है। पहली पारी का औसत स्कोर यहां 249 रन है।
(भाषा के इनपुट के साथ)
You may also like

जंगलराज बिहार में अकेले जाना खतरे से खाली नहीं : मोहम्मद आजम खां

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व चैंपियन महिला टीम को दी बधाई, बोले- 'यह जीत हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण'

'विश्व चैंपियन लड़कियों पर गर्व है', राजीव शुक्ला, अनिल कुंबले, सहवाग, हरभजन और इरफान पठान ने भारतीय टीम को दी बधाई

IND W vs SA W Final: '45 दिन से इस पल के लिए नहीं सोई थीं' ट्रॉफी जीतकर भावुक हुईं भारतीय उपकप्तान स्मृति मंधाना

वंदेमातरम, मां तुझे सलाम, लहरा दो सरकशी... नारी शक्ति का परचम, भारत की बेटियों ने पहली बार जीता विश्व कप




