इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की गीदड़ भभकियों पर तालिबान ने करारा जवाब दिया है। तालिबान सरकार में अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा कि हमने कई माध्यमों और बैठकों के जरिए पाकिस्तान को बार-बार यह संदेश दिया है कि उन्हें अपने आंतरिक मुद्दों को अपने देश में ही सुलझाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अफगानिस्तान पर युद्ध थोपा जाता है तो पाकिस्तान को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
हक्कानी ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई
टोलो न्यूज के अनुसार, सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा कि अफगानों की युद्ध के मैदान में परीक्षा हुई है और उन्होंने दुनिया के महान साम्राज्यों के आगे कभी घुटने नहीं टेके हैं। गृह मंत्रालय में एक सभा को संबोधित करते हुए, खलीफा सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा कि अफगान दुनिया को सकारात्मक जुड़ाव का संदेश दे रहे हैं और अफगानिस्तान से किसी भी देश को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "लेकिन अगर हम पर कुछ थोपा जाता है, तो यह उनकी गलती होगी।"
हक्कानी ने कीमत चुकाने की धमकी दी
हक्कानी ने पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा, "जब आप (पाकिस्तान) इन समस्याओं को अफगानिस्तान में लाते हैं और यहां अशांति पैदा करते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इसके पीछे कोई और छिपा हुआ उद्देश्य है। सावधान रहें - इस भूल की आपको बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"
हक्कानी पाकिस्तान का सबसे करीबी
एक समय सिराजुद्दीन हक्कानी को पाकिस्तान का बेहद करीबी माना जाता था। अफगानिस्तान में अमेरिका समर्थित सरकार के दौरान हक्कानी ने पाकिस्तान के इशारों पर कई बड़े आतंकी हमले किए थे। उसने पाकिस्तान के ही कहने पर अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास पर आतंकी हमला किया था। इसके अलावा अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के दौरान पाकिस्तान ने हक्कानी के परिवार को शरण दी थी।
हक्कानी ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई
टोलो न्यूज के अनुसार, सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा कि अफगानों की युद्ध के मैदान में परीक्षा हुई है और उन्होंने दुनिया के महान साम्राज्यों के आगे कभी घुटने नहीं टेके हैं। गृह मंत्रालय में एक सभा को संबोधित करते हुए, खलीफा सिराजुद्दीन हक्कानी ने कहा कि अफगान दुनिया को सकारात्मक जुड़ाव का संदेश दे रहे हैं और अफगानिस्तान से किसी भी देश को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "लेकिन अगर हम पर कुछ थोपा जाता है, तो यह उनकी गलती होगी।"
हक्कानी ने कीमत चुकाने की धमकी दी
हक्कानी ने पाकिस्तान का नाम लेते हुए कहा, "जब आप (पाकिस्तान) इन समस्याओं को अफगानिस्तान में लाते हैं और यहां अशांति पैदा करते हैं, तो यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इसके पीछे कोई और छिपा हुआ उद्देश्य है। सावधान रहें - इस भूल की आपको बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"
हक्कानी पाकिस्तान का सबसे करीबी
एक समय सिराजुद्दीन हक्कानी को पाकिस्तान का बेहद करीबी माना जाता था। अफगानिस्तान में अमेरिका समर्थित सरकार के दौरान हक्कानी ने पाकिस्तान के इशारों पर कई बड़े आतंकी हमले किए थे। उसने पाकिस्तान के ही कहने पर अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास पर आतंकी हमला किया था। इसके अलावा अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के दौरान पाकिस्तान ने हक्कानी के परिवार को शरण दी थी।
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