येरेवन: पाकिस्तान ने जैसे ही अजरबैजान को JF-17 लड़ाकू विमानों की डिलीवरी शुरू की, ठीक वैसे ही आर्मेनिया भी हरकत में आ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्मेनिया भारत के साथ Su-30MKI लड़ाकू विमान खरीदने के लिए उच्च-स्तरीय बातचीत तेज कर रहा है। आपको बता दें कि अजरबैजान ने पाकिस्तान से 40 JF-17 थंडर ब्लॉक III जेट विमानों की खरीद के लिए 4.6 अरब डॉलर का सौदा किया था। जिसके बाद अब आर्मेनिया भारतीय Su-30MKI फोकस कर रहा है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी एयरबेस को उड़ाने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल को दागा था।   
   
दरअसल, पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने अपने अजरबैजान को तीन जेएफ-17सी ब्लॉक III थंडर लड़ाकू विमान सौंपे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, JF-17 एक 4.5 जेनरेशन मल्टी रोल फाइटर जेट है। इसे पाकिस्तान ने चीन की मदद से बनाया है। इसका ज्यादातर हिस्सा चीन से बनकर पाकिस्तान आता है और इसमें रूसी इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, जो रूस पहले चीन को बेचता है और फिर चीन इसे पाकिस्तान को सप्लाई करता है।
     
आर्मेनिया खरीदेगा भारतीय Su-30MKI लड़ाकू विमान?
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये बातचीत उच्च स्तर पर चल रही है और भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ बातचीत की औपचारिक शुरुआत 2023 के अंत में हो चुकी थी। अजरबैजान की नई डील ने क्षेत्रीय शक्ति-संतुलन को बदलने की आशंका पैदा कर दी है, जिससे येरवन (आर्मेनिया की राजधानी) अपनी वायुसेना को तत्काल आधुनिक बनाने पर मजबूर हुआ है।
     
आर्मेनिया और भारत के बीच रक्षा सहयोग हाल के वर्षों में काफी गहरा हुआ है। भारत पहले ही आकाश-1S मिसाइल सिस्टम और पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) आर्मेनिया को सप्लाई कर चुका है, जिससे उसकी वायु सुरक्षा क्षमता में भारी बढ़ोतरी हुई है। वहीं, Su-30MKI सौदा इस साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जा सकता है। यह वही विमान है जिसे भारत ने रूस के साथ मिलकर विकसित किया था और जिसे अब HAL घरेलू स्तर पर तैयार करता है। भारतीय वायुसेना में करीब 270 Su-30MKI फाइटर जेट हैं, जो ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस हैं। इसमें एडवांस एवियोनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और स्वदेशी अस्त्र मिसाइल लगा है।
  
दरअसल, पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने अपने अजरबैजान को तीन जेएफ-17सी ब्लॉक III थंडर लड़ाकू विमान सौंपे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, JF-17 एक 4.5 जेनरेशन मल्टी रोल फाइटर जेट है। इसे पाकिस्तान ने चीन की मदद से बनाया है। इसका ज्यादातर हिस्सा चीन से बनकर पाकिस्तान आता है और इसमें रूसी इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, जो रूस पहले चीन को बेचता है और फिर चीन इसे पाकिस्तान को सप्लाई करता है।
आर्मेनिया खरीदेगा भारतीय Su-30MKI लड़ाकू विमान?
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये बातचीत उच्च स्तर पर चल रही है और भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ बातचीत की औपचारिक शुरुआत 2023 के अंत में हो चुकी थी। अजरबैजान की नई डील ने क्षेत्रीय शक्ति-संतुलन को बदलने की आशंका पैदा कर दी है, जिससे येरवन (आर्मेनिया की राजधानी) अपनी वायुसेना को तत्काल आधुनिक बनाने पर मजबूर हुआ है।
आर्मेनिया और भारत के बीच रक्षा सहयोग हाल के वर्षों में काफी गहरा हुआ है। भारत पहले ही आकाश-1S मिसाइल सिस्टम और पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) आर्मेनिया को सप्लाई कर चुका है, जिससे उसकी वायु सुरक्षा क्षमता में भारी बढ़ोतरी हुई है। वहीं, Su-30MKI सौदा इस साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जा सकता है। यह वही विमान है जिसे भारत ने रूस के साथ मिलकर विकसित किया था और जिसे अब HAL घरेलू स्तर पर तैयार करता है। भारतीय वायुसेना में करीब 270 Su-30MKI फाइटर जेट हैं, जो ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस हैं। इसमें एडवांस एवियोनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और स्वदेशी अस्त्र मिसाइल लगा है।
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