तेल अवीव: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए 20-सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है। ट्रंप ने सोमवार को इसका ऐलान करते हुए कहा कि गाजा क्षेत्र में शांति अब बहुत नजदीक है। इससे ना सिर्फ गाजा बल्कि दुनिया को उम्मीद बंधी है कि यहां शांति आएगी। गाजा में अक्टूबर, 2023 से जारी जंग में 66 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की जान गई है। इससे दुनिया के बड़े हिस्से में बेचैनी है। दुनिया को ट्रंप की शांति योजना से उम्मीद है लेकिन इसे जमीन पर उतारना आसान नहीं होगा। ऐसे में ट्रंप के वादे के बावजूद गाजा में लड़ाई रुकने और स्थाई शांति पर कई सवाल हैं।
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, वाइट हाउस की शांति योजना गाजा में युद्धविराम और उसके बाद पुनर्निर्माण की रूपरेखा तैयार करती है। इसमें इजरायल और हमास से योजना पर सहमति के तुरंत बाद लड़ाई समाप्त करने का आह्वान किया गया है। इसके बाद इजराइली सेना बंधकों की रिहाई की तैयारी के लिए गाजा के अंदर एक सहमत रेखा पर वापस लौट जाएगी।
72 घंटे में बंधकों की वापसीअमेरिकी योजना में समझौता होने के 72 घंटों के भीतर सभी इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा। इसके बदले इजरायल अपनी जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 250 फिलिस्तीनियों और हिरासत में लिए गए 1,700 लोगों को रिहा करेगा। बंधकों की रिहाई के बाद हमास के उन सदस्यों को माफी दी जाएगी जो हथियार छोड़ देंगे।
इस योजना का एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि इजरायल गाजा पर कब्जा या उसका विलय नहीं करेगा। हमास को गाजा के शासन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई भूमिका नहीं दी जाएगी। प्रस्ताव में एक तकनीकी गैर-राजनीतिक फिलिस्तीनी समिति के अस्थायी शासन की परिकल्पना की गई है। इस पैनल की देखरेख डोनाल्ड ट्रंप की अध्यक्षता वाला अंतरराष्ट्रीय शांति बोर्ड करेगा। बोर्ड में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और राष्ट्राध्यक्ष होंगे।
गाजा छोड़ने का नहीं होगा दबावशांति योजना में कहा गया है कि किसी को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। नया गाजा समृद्ध अर्थव्यवस्था के निर्माण और अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध होगा। वाइट हाउस की योजना का उद्देश्य सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के मूल्यों पर आधारित एक अंतर-धार्मिक संवाद प्रक्रिया स्थापित करना है।
प्रस्ताव में फिलिस्तीनी स्टेट की संभावना का उल्लेख है। हालांकि यह बहुत स्पष्ट नहीं है। इसमें कहा गया है कि जब गाजा पुनर्विकास आगे बढ़ेगा और पीए सुधार कार्यक्रम ईमानदारी से लागू होगा तो फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और देश के दर्जे के लिए एक विश्वसनीय रास्ता बनने की परिस्थितियां तैयार हो सकती हैं। इसे हम फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षा मानते हैं।
ट्रंप की योजना जटिल क्योंगाजा के लिए अमेरिकी शांति योजना युद्धोत्तर गाजा के भविष्य पर ट्रंप प्रशासन के रुख में बदलाव को दर्शाती है। इसे यह अमेरिका की ओर से इजरायल पर गाजा में युद्धविराम स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है। हमास ने अभी तक 20-सूत्रीय युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है।
एक्सपर्ट का मानना है कि हमास इस योजना पर शायद ही सहमत होगा, जिसमें कहा गया है कि उसे हथियार और एन्क्लेव पर शासन का सपना छोड़ना होगा। दूसरी ओर इजरायली पीएम नेतन्याहू के धुर दक्षिणपंथी राजनीतिक सहयोगी इतामार बेन ग्वीर और बेजेलेल स्मोट्रिच भी इस पर चुप हैं। दोनों ने गाजा में युद्ध रोकने पर सरकार गिराने की धमकी दी है।
बोर्ड पर चीजें साफ नहींयह योजना गाजा के मामलों की देखरेख करने वाली फिलिस्तीनी समिति और ट्रंप की अध्यक्षता वाले अंतरराष्ट्रीय शांति बोर्ड के बीच संबंधों का कोई स्पष्ट रोडमैप प्रस्तुत नहीं करती है। खासतौर से फिलिस्तीनी अथॉरिटी पर स्पष्टता नहीं है। नेतन्याहू ने गाजा में फिलिस्तीनी प्राधिकरण की वापसी का कड़ा विरोध किया है।
ट्रंप की शांति योजना में गाजा की सुरक्षा एक अस्थायी अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल करेगा। द्वारा की जाएगी। इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि कौन से देश गाजा में सेना भेजने पर विचार कर रहे हैं और इस योजना के तहत कौन से देश स्वीकार्य होंगे। इजरायली सेना की वापसी की बात योजना में है। हालांकि वापसी के लिए कोई समय-सीमा या स्पष्ट मानक निर्धारित नहीं किए गए हैं।
इजरायल की वापसी पर अस्पष्टताट्रंप के प्लान में एक और अहम बात यह है कि इजरायल गाजा में तब तक सुरक्षा घेरा बनाए रखेगा, जब तक कि यह क्षेत्र किस भी खतरे से पूरी तरह सुरक्षित ना हो जाए। इसके लिए क्या शर्तें होंगी और ये शर्त कौन तय करेगा, यह स्पष्ट नहीं है। इस योजना में फिलिस्तीन देश का दर्जा मिलने की कोई गारंटी नहीं है, जो पूरे अरब के लिए बड़ा मुद्दा है।
गाजा में युद्ध समाप्त करने की कोई समय-सीमा योजना में नहीं है। ऐसे में जमीन पर वास्तविक शांति स्थापित होने में कई हफ्ते या उससे ज्यादा समय लग सकता है। इसके अलावा एक बड़ा संकट दोनों पक्षों के भरोसे पर है। इजरायल कभी भी अपना वादा तोड़ सकता है, जैसा कि उसने पहले भी किया है। ऐसे में पूरी योजना खटाई में पड़ सकती है।
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, वाइट हाउस की शांति योजना गाजा में युद्धविराम और उसके बाद पुनर्निर्माण की रूपरेखा तैयार करती है। इसमें इजरायल और हमास से योजना पर सहमति के तुरंत बाद लड़ाई समाप्त करने का आह्वान किया गया है। इसके बाद इजराइली सेना बंधकों की रिहाई की तैयारी के लिए गाजा के अंदर एक सहमत रेखा पर वापस लौट जाएगी।
72 घंटे में बंधकों की वापसीअमेरिकी योजना में समझौता होने के 72 घंटों के भीतर सभी इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा। इसके बदले इजरायल अपनी जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 250 फिलिस्तीनियों और हिरासत में लिए गए 1,700 लोगों को रिहा करेगा। बंधकों की रिहाई के बाद हमास के उन सदस्यों को माफी दी जाएगी जो हथियार छोड़ देंगे।
इस योजना का एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि इजरायल गाजा पर कब्जा या उसका विलय नहीं करेगा। हमास को गाजा के शासन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई भूमिका नहीं दी जाएगी। प्रस्ताव में एक तकनीकी गैर-राजनीतिक फिलिस्तीनी समिति के अस्थायी शासन की परिकल्पना की गई है। इस पैनल की देखरेख डोनाल्ड ट्रंप की अध्यक्षता वाला अंतरराष्ट्रीय शांति बोर्ड करेगा। बोर्ड में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और राष्ट्राध्यक्ष होंगे।
गाजा छोड़ने का नहीं होगा दबावशांति योजना में कहा गया है कि किसी को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। नया गाजा समृद्ध अर्थव्यवस्था के निर्माण और अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध होगा। वाइट हाउस की योजना का उद्देश्य सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के मूल्यों पर आधारित एक अंतर-धार्मिक संवाद प्रक्रिया स्थापित करना है।
प्रस्ताव में फिलिस्तीनी स्टेट की संभावना का उल्लेख है। हालांकि यह बहुत स्पष्ट नहीं है। इसमें कहा गया है कि जब गाजा पुनर्विकास आगे बढ़ेगा और पीए सुधार कार्यक्रम ईमानदारी से लागू होगा तो फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय और देश के दर्जे के लिए एक विश्वसनीय रास्ता बनने की परिस्थितियां तैयार हो सकती हैं। इसे हम फिलिस्तीनी लोगों की आकांक्षा मानते हैं।
ट्रंप की योजना जटिल क्योंगाजा के लिए अमेरिकी शांति योजना युद्धोत्तर गाजा के भविष्य पर ट्रंप प्रशासन के रुख में बदलाव को दर्शाती है। इसे यह अमेरिका की ओर से इजरायल पर गाजा में युद्धविराम स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है। हमास ने अभी तक 20-सूत्रीय युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है।
एक्सपर्ट का मानना है कि हमास इस योजना पर शायद ही सहमत होगा, जिसमें कहा गया है कि उसे हथियार और एन्क्लेव पर शासन का सपना छोड़ना होगा। दूसरी ओर इजरायली पीएम नेतन्याहू के धुर दक्षिणपंथी राजनीतिक सहयोगी इतामार बेन ग्वीर और बेजेलेल स्मोट्रिच भी इस पर चुप हैं। दोनों ने गाजा में युद्ध रोकने पर सरकार गिराने की धमकी दी है।
बोर्ड पर चीजें साफ नहींयह योजना गाजा के मामलों की देखरेख करने वाली फिलिस्तीनी समिति और ट्रंप की अध्यक्षता वाले अंतरराष्ट्रीय शांति बोर्ड के बीच संबंधों का कोई स्पष्ट रोडमैप प्रस्तुत नहीं करती है। खासतौर से फिलिस्तीनी अथॉरिटी पर स्पष्टता नहीं है। नेतन्याहू ने गाजा में फिलिस्तीनी प्राधिकरण की वापसी का कड़ा विरोध किया है।
ट्रंप की शांति योजना में गाजा की सुरक्षा एक अस्थायी अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल करेगा। द्वारा की जाएगी। इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि कौन से देश गाजा में सेना भेजने पर विचार कर रहे हैं और इस योजना के तहत कौन से देश स्वीकार्य होंगे। इजरायली सेना की वापसी की बात योजना में है। हालांकि वापसी के लिए कोई समय-सीमा या स्पष्ट मानक निर्धारित नहीं किए गए हैं।
इजरायल की वापसी पर अस्पष्टताट्रंप के प्लान में एक और अहम बात यह है कि इजरायल गाजा में तब तक सुरक्षा घेरा बनाए रखेगा, जब तक कि यह क्षेत्र किस भी खतरे से पूरी तरह सुरक्षित ना हो जाए। इसके लिए क्या शर्तें होंगी और ये शर्त कौन तय करेगा, यह स्पष्ट नहीं है। इस योजना में फिलिस्तीन देश का दर्जा मिलने की कोई गारंटी नहीं है, जो पूरे अरब के लिए बड़ा मुद्दा है।
गाजा में युद्ध समाप्त करने की कोई समय-सीमा योजना में नहीं है। ऐसे में जमीन पर वास्तविक शांति स्थापित होने में कई हफ्ते या उससे ज्यादा समय लग सकता है। इसके अलावा एक बड़ा संकट दोनों पक्षों के भरोसे पर है। इजरायल कभी भी अपना वादा तोड़ सकता है, जैसा कि उसने पहले भी किया है। ऐसे में पूरी योजना खटाई में पड़ सकती है।
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