मलप्पुरम (केरल): केरल के मलप्पुरम में सनसनीखेज घटना सामने आई है। मलप्पुरम में कालीकावु के पास गुरुवार को तड़के रबर के बागान में काम करने जा रहे एक श्रमिक को बाघ ने मार डाला। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि पीड़ित के साथ मौजूद एक अन्य श्रमिक के अनुसार, जानवर ने गफूर (45) पर हमला किया और उसे घसीटकर ले गया। वन विभाग के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि श्रमिक पर हमला करने वाला जानवर बाघ था और वो गफूर को लगभग 200 मीटर तक जंगल में घसीट कर ले गया। अधिकारी ने यह भी पुष्टि की है कि गफूर के शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर काटने के निशान थे।
लोगों में गुस्सा
घटना के बाद स्थानीय लोग भारी संख्या में वहां जमा हो गए और शव को वहां से उठाने के काम में बाधा उत्पन्न करने लगे। भीड़ ने वन विभाग पर घटना को रोकने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। लोगों ने टीवी चैनल को बताया कि वन अधिकारियों को कई महीने पहले ही इस क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी। उन्हें ये सूचना तब मिल गई थी जब बाघ यहां से घरेलू और पालतू जानवरों को ले जा रहा था। निवासियों ने दावा किया कि इसके बाद भी वन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा भी नहीं लगाया। उन्होंने बाघ को गोली मार दिए जाने की मांग की।
मदद का दिया भरोसा
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वन एवं जिला अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि जंगली जानवरों के हमलों की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाए जाएंगे और पीड़ित परिवार को अपेक्षित वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके बाद गफूर के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने दिया गया।
वन विभाग पर भड़के विधायक
घटना के बाद क्षेत्र का दौरा करने वाले कांग्रेस विधायक एपी अनिल कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने क्षेत्र के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) और राज्य के वन मंत्री एके ससींद्रन को बजट सत्र के दौरान ही यहां बाघ की मौजूदगी के बारे में सूचित किया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान मामले में वन अधिकारियों की ओर से गंभीर चूक हुई है, क्योंकि उन्हें दो महीने से अधिक समय पहले क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी के बारे में पता था।
पीड़ित के लिए की ये डिमांड
उन्होंने आगे कहा कि वह मंत्री से आग्रह करेंगे कि पीड़ित परिवार को सामान्यतः दी जाने वाली 10 लाख रुपये की राशि से अधिक मुआवजा दिया जाए और गफूर की पत्नी को तत्काल नौकरी दी जाए। इस बीच, वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए दो टीम वायनाड और पलक्कड़ से रवाना हो गई हैं।
लोगों में गुस्सा
घटना के बाद स्थानीय लोग भारी संख्या में वहां जमा हो गए और शव को वहां से उठाने के काम में बाधा उत्पन्न करने लगे। भीड़ ने वन विभाग पर घटना को रोकने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। लोगों ने टीवी चैनल को बताया कि वन अधिकारियों को कई महीने पहले ही इस क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी। उन्हें ये सूचना तब मिल गई थी जब बाघ यहां से घरेलू और पालतू जानवरों को ले जा रहा था। निवासियों ने दावा किया कि इसके बाद भी वन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा भी नहीं लगाया। उन्होंने बाघ को गोली मार दिए जाने की मांग की।
#WATCH | Kerala: A protest erupted in Malappuram's Kalikavu after a man was killed in a tiger attack
— ANI (@ANI) May 15, 2025
Apoorva Tripathi, Sub Collector, says, " We need to assess if the area (incident spot) is a forest area or not. Then we will come up with a solution...accordingly, we will see if… pic.twitter.com/HOJOiRyf2M
मदद का दिया भरोसा
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वन एवं जिला अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि जंगली जानवरों के हमलों की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाए जाएंगे और पीड़ित परिवार को अपेक्षित वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके बाद गफूर के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने दिया गया।
वन विभाग पर भड़के विधायक
घटना के बाद क्षेत्र का दौरा करने वाले कांग्रेस विधायक एपी अनिल कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने क्षेत्र के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) और राज्य के वन मंत्री एके ससींद्रन को बजट सत्र के दौरान ही यहां बाघ की मौजूदगी के बारे में सूचित किया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान मामले में वन अधिकारियों की ओर से गंभीर चूक हुई है, क्योंकि उन्हें दो महीने से अधिक समय पहले क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी के बारे में पता था।
पीड़ित के लिए की ये डिमांड
उन्होंने आगे कहा कि वह मंत्री से आग्रह करेंगे कि पीड़ित परिवार को सामान्यतः दी जाने वाली 10 लाख रुपये की राशि से अधिक मुआवजा दिया जाए और गफूर की पत्नी को तत्काल नौकरी दी जाए। इस बीच, वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए दो टीम वायनाड और पलक्कड़ से रवाना हो गई हैं।
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