अयोध्या: रामघाट इलाके में करीब चार बिस्वा में फैले रावत मंदिर में सन्नाटा पसरा है। बाहर से यहां शिष्यों का लगातार आना-जाना लगा हुआ है। पुलिस की टीमें कई लोगों से जानकारी जुटा रही हैं। महंत राम मिलन दास रामायणी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का सच क्या है, हर कोई जानना चाहता है। 13 साल से महंत की सेवा कर रही शकुंतला को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है। उससे शनिवार शाम को हुई घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है।
महंत राम मिलन दास के शिष्यों के मुताबिक, कुछ दिन पहले रावत मंदिर की एक जमीन बिकी थी। उसके आठ करोड़ रुपये महंत के बैंक खाते में रखे थे। इसके अलावा पहले से डेढ़ करोड़ की रकम जमा थी। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं महंत की मौत वजह ये पैसे तो नहीं। ऐसा तो नहीं कि किसी ने इन पैसों को हड़पने के लिए महंत को मारने की साजिश रच दी हो। भोजन के तुरंत बाद महंत के मुंह से झाग आना किसी न किसी षडयंत्र की तरफ इशारा करता है। अंदेशा जताया जा रहा है कि उनको खाने में जहर मिलाकर दे दिया गया होगा।
'महंत जी के मुंह से झाग निकल रहा' चिल्लाते हुए भागी सेविकाशिष्यों ने बताया कि सेविका शकुंतला करीब 13 साल से महंत की सेवा कर रही है। इससे पहले उसकी मां रावत मंदिर में सेविका थी। महंत ने शनिवार को शाम 7 बजे भोजन किया। शकुंतला ने उनको भोजन कराया। थोड़ी ही देर बाद वह चिल्लाते हुए बाहर निकली कि महंत जी के मुंह से झाग निकल रहा है। महंत की मौत की खबर मिलते ही डीएम-एसएसपी श्रीराम अस्पताल पहुंचे। संतों और सेवादारों से जानकारी ली।
महंत के गुरु राम दास कोकिल की सीएम योगी से थी करीबीराम मिलन के गुरु राम दास कोकिल राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी संतों में रहे हैं। सीएम योगी से भी उनकी करीबी थी। अयोध्या दौरे पर सीएम योगी ने कई बार रावत मंदिर जाकर उनसे मुलाकात की। बताया जाता है कि अयोध्या के रामघाट इलाके में बना रावत मंदिर को गोरखपुर के रावत भीटी गांव के लोगों ने बनवाया था। इसलिए, इसका नाम रावत मंदिर पड़ा था।
एक साल पहले महिला ने शोषण का आरोप लगाया थापुलिस सूत्रों ने बताया कि रावत मंदिर के महंत पद को लेकर कुछ सालों पहले तक विवाद चल रहा था। एक और संत थे, जो कि मंदिर के महंत होने का दावा करते थे। दोनों का विवाद कोर्ट भी गया था। हालांकि, बाद में राम मिलन महंत बन गए थे। यही नहीं, अंबेडकरनगर की रहने वाली एक महिला ने करीब एक साल पहले महंत राम मिलन के खिलाफ शोषण की शिकायत की थी। पुलिस ने जांच की तो मामला गलत निकला था। इसके बाद उनको क्लीनचिट मिल गई थी।
महंत राम मिलन दास के शिष्यों के मुताबिक, कुछ दिन पहले रावत मंदिर की एक जमीन बिकी थी। उसके आठ करोड़ रुपये महंत के बैंक खाते में रखे थे। इसके अलावा पहले से डेढ़ करोड़ की रकम जमा थी। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं महंत की मौत वजह ये पैसे तो नहीं। ऐसा तो नहीं कि किसी ने इन पैसों को हड़पने के लिए महंत को मारने की साजिश रच दी हो। भोजन के तुरंत बाद महंत के मुंह से झाग आना किसी न किसी षडयंत्र की तरफ इशारा करता है। अंदेशा जताया जा रहा है कि उनको खाने में जहर मिलाकर दे दिया गया होगा।
'महंत जी के मुंह से झाग निकल रहा' चिल्लाते हुए भागी सेविकाशिष्यों ने बताया कि सेविका शकुंतला करीब 13 साल से महंत की सेवा कर रही है। इससे पहले उसकी मां रावत मंदिर में सेविका थी। महंत ने शनिवार को शाम 7 बजे भोजन किया। शकुंतला ने उनको भोजन कराया। थोड़ी ही देर बाद वह चिल्लाते हुए बाहर निकली कि महंत जी के मुंह से झाग निकल रहा है। महंत की मौत की खबर मिलते ही डीएम-एसएसपी श्रीराम अस्पताल पहुंचे। संतों और सेवादारों से जानकारी ली।
महंत के गुरु राम दास कोकिल की सीएम योगी से थी करीबीराम मिलन के गुरु राम दास कोकिल राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी संतों में रहे हैं। सीएम योगी से भी उनकी करीबी थी। अयोध्या दौरे पर सीएम योगी ने कई बार रावत मंदिर जाकर उनसे मुलाकात की। बताया जाता है कि अयोध्या के रामघाट इलाके में बना रावत मंदिर को गोरखपुर के रावत भीटी गांव के लोगों ने बनवाया था। इसलिए, इसका नाम रावत मंदिर पड़ा था।
एक साल पहले महिला ने शोषण का आरोप लगाया थापुलिस सूत्रों ने बताया कि रावत मंदिर के महंत पद को लेकर कुछ सालों पहले तक विवाद चल रहा था। एक और संत थे, जो कि मंदिर के महंत होने का दावा करते थे। दोनों का विवाद कोर्ट भी गया था। हालांकि, बाद में राम मिलन महंत बन गए थे। यही नहीं, अंबेडकरनगर की रहने वाली एक महिला ने करीब एक साल पहले महंत राम मिलन के खिलाफ शोषण की शिकायत की थी। पुलिस ने जांच की तो मामला गलत निकला था। इसके बाद उनको क्लीनचिट मिल गई थी।
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