नई दिल्ली : भारत ने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का वैश्विक समुदाय से लगातार संवाद बना रहा, लेकिन भारत ने किसी को अपनी बात नहीं थोपने दी। शीर्ष सरकारी सूत्र ने रविवार को कहा कि भारत ने तमाम देशों से पहलगाम हमले के बाद साफ कह दिया था कि भारत हिट करेगा और इसमें किसी को संदेह न रहे। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान के DGMO को ऐक्शन के बारे में बता दिया गया था और कह दिया था कि अब बात करनी हो तो करे। लेकिन तब पाकिस्तान ने पहले बातचीत का रास्ता छोड़कर टकराव का रास्ता चुना। 9 मई की देर रात पाकिस्तान के अहम ठिकाने पर भारत के मिलिट्री ऐक्शन और इसमें आधुनिक तकनीक को देखकर पाकिस्तान घबरा गया और तब उनके DGMO का कॉल बातचीत के लिए आया। इसके बाद आगे का रास्ता खुला। सरकारी सूत्रों के अनुसार, पिछले 24 घंटे से गोली नहीं चलाने के समझौते का कोई उल्लंघन नहीं है । गोली का जवाब गोले से देगा भारतशीर्ष सूत्र ने कहा कि 7 मई से अब तक भारत का एकमात्र सिद्धांत रहा कि अगर पाकिस्तान फायर करेगा, भारत उससे बड़ी ताकत से फायर करेगा। PM नरेन्द्र मोदी के स्तर पर साफ कहा गया कि भारत की इस बार नीति थी कि उधर से गोली चलेगी तो इधर से गोला चलेगा। पिछले 10 साल में आतंक के खिलाफ सरकार ने रणनीति बदली। 2016 में पहली बार, 2019 में उसके आगे बढ़े। इस बार ऐसी मंशा थी कि ऐसा ऐक्शन हो जिससे लगे कि टारगेट तकनीक और तरीके को बहुत विचार से चुना गया। पाकिस्तान डीप स्टेट, आतंक की फैक्ट्री को चुना गया जिनका बड़ा इतिहास रहा है आतंक को प्रश्रय देने में। भारत ने ऐसे लक्ष्य को चुना जिससे आतंक की पीठ पूरी तरह से टूट सके। जैश पूरी तरह से ISI का प्रोडक्ट था तो इस बार बहावलपुर स्थित उसके ठिकाने पर हमला करने के पीछे खास संदेश देना था जो वहां गया। सूत्रों ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सबसे घातक हथियार इसी ठिकाने पर इस्तेमाल किए गए। जब PM सऊदी में थे, ट्रंप से बात तभी हुईसूत्रों ने अमेरिका की भूमिका पर कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सबसे पहले संपर्क 22 अप्रैल को ही हुआ। जब प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब में ही थे, उसी दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से बात हो गई थी। तब से भारत लगातार अमेरिका से संपर्क में रहा। भारत ने अमेरिका को साफ कर दिया था कि हम कुछ करेंगे। फिर विदेश मंत्री जयशंकर ने 1 मई को अमेरिकी विदेश मंत्री से साफ कह दिया कि भारत, पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने पर हमला करेगा ही। फिर 7 मई को आतंकी ठिकानों पर हमले के बीच बातचीत का दायरा बदला। तब तक भारत का उद्देश पूरा हो गया था। वहीं, 7 से 9 मई के बीच स्थिति और बिगड़ी और पाकिस्तान पैनिक में आया। हालांकि, इस बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस की प्रधानमंत्री मोदी से बात हुई थी। इसमें भी PM ने उनसे कहा कि अगर पाकिस्तान कुछ करेगा तो तय मानें कि उससे ज्यादा प्रतिक्रिया होगी और ऐसा हुआ भी। 9 ठिकानों पर हमले से बिगड़ा पाक का समीकरणपाकिस्तान ने भारत के कुछ ठिकानों पर हमले किए। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर बड़ा हमला किया गया। उसके 9 अहम ठिकानों पर ऐसा प्रहार हुआ जिससे पाकिस्तान का पूरा समीकरण बिगड़ गया। इसके बाद पाकिस्तान ने अमेरिका को बीच में लिया और बातचीत की गई। अमेरिका ने पाकिस्तान से बात की और उसके बाद विदेश मंत्री जयशंकर से बात की गई। जयशंकर से कहा गया कि पाकिस्तान गोलीबारी रोकने को तैयार है। इस पर जयशंकर ने कहा कि अगर पाकिस्तान रोकेगा तो भारत भी रोकेगा, लेकिन बातचीत सिर्फ DGMO स्तर पर होगी। उसके बाद 10 मई को पाकिस्तान के DGMO का कॉल 1 बजे आया और 3:30 बजे बातचीत हुई जिसमें फायरिंग रोकने पर समझौता हुआ। साथ ही भारत ने यह भी इनकार किया कि पाकिस्तान के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर पर कोई बातचीत हुई थी। कश्मीर में बस PoK ही है असर मुद्दापाकिस्तान से बातचीत के सवाल पर शीर्ष सूत्रों ने कहा की अपने यहां मौजूद आतंकियों को लौटाए तभी उससे बातचीत होगी। साथ ही कश्मीर का मसला उठने पर कहा गया कि वहां सिर्फ एक मसला है कि पाकिस्तान के कब्जे वाला हिस्सा भारत के हिस्से में कब आएगा। यह भी कहा गया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी पूरा नहीं हुआ है। जब तक आतंकी वारदात होगी तब तक भारत उनपर कड़ा प्रहार करता रहेगा। भारत ने कहा कि अब यह न्यू नार्मल है और किसी आतंकी हमले से निपटने के लिए कोई तय पैमाना नहीं रहेगा। सरकारी सूत्र ने कहा कि इसीलिए हम अभी सीजफायर शब्द का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हमने फायरिंग रोक दी है, लेकिन अगर पाकिस्तान एक गोली चलाएगा तो हम दस गोली चलाएंगे। जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ तब सबसे पहले प्राथमिकता त्वरित मिलिट्री ऐक्शन था। अब इसके कई और उद्देश हैं जो पूरे होने हैं। अभी देखें कब तक ऑपरेशन चलता है। पाकिस्तान पर अभी बढ़ेगा दबावऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत, पाकिस्तान पर अभी चौतरफा दबाव बनाने की तैयारी में है। इसके लिए भारत पाकिस्तान के खिलाफ आतंक को प्रश्रय देने के मामले में संयुक्त राष्ट्र में नए सबूतों के साथ जाएगा। साथ ही आतंकी फंडिंग रोकने के लिए भी भारत अगले हफ्ते दबाव बनाएगा। तीन तरफा था भारत का ऐक्शनसरकारी सूत्र ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद तीन स्तर पर भारत ने एक्शन लिया। पहला था- राजनीतिक। इसके तहत सिंधु जल समझौते की समीक्षा की। इसे भारत ने अपने हिसाब से ठीक किया। इस समझौते पर पिछले दो वर्षों से भारत पहले से ही विचार कर रहा था। कहा कि इसकी बुनियाद ही गलत पड़ी थी। इसे बेहतर संबंध और बेहतर पड़ोसी के परिप्रेक्ष्य में बनाया गया था। पाकिस्तान कभी इसपर खरा ही नहीं उतरा। दूसरा था- मिलिट्री ऑपरेशन और तीसरा- मनोवैज्ञानिक दबाव। तीनों मोर्चे पर भारत को बड़ी कामयाबी मिली।
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