वॉशिंगटन: अमेरिका ने ईरान को परमाणु समझौते के लिए प्रस्ताव भेज दिया है। अमेरिका और ईरान के बीच कई दौर की परमाणु वार्ता के बाद ये प्रस्ताव दिया गया है। वाइट हाउस की ओर से प्रस्ताव भेजे जाने और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची की तरफ से प्रपोजल मिलने की पुष्टि की गई है। अमेरिकी प्रस्ताव पर ईरान जल्द ही अपना जवाब दे सकता है। अमेरिका की ओर से ईरान को प्रस्ताव भेजने की खबर संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था (आईएईए) की रिपोर्ट के बाद सामने आई है। आईएईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ईरान ने परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी यूरेनियम का उत्पादन बढ़ाया है।
अमेरिका से समझौता का प्रस्ताव मिलने पर ईरान ने स्पष्ट किया कि ओमान के विदेश मंत्री बदर अलबुसैदी ने तेहरान की अपनी छोटी यात्रा के दौरान अमेरिका के इस समझौते के बारे में जानकारी दी। ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता की मध्यस्थता ओमान कर रहा है। ईरान के विदेश मंत्री अराघची ने कहा है कि अमेरिकी प्रस्ताव का जवाब ईरानियों के सिद्धांतों और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर दिया जाएगा।
ईरान के लिए समझौता मानना फायदे का सौदावाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने शनिवार को कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पश्चिम एशिया के विशेष दूत स्टीव विटकोफ ने ईरान को 'विस्तृत और स्वीकार्य' प्रस्ताव भेजा है। तेहरान के लिए इस समझौते को स्वीकारना बेहद फायदे का सौदा होगा। राष्ट्रपति ट्रंप स्पष्ट कर चुके हैं कि ईरान कभी भी परमाणु बम नहीं बना सकता है।' इस समझौते के विवरण का खुलासा नहीं किया गया है।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी देश और अमेरिका काफी समय से चिंता जताते रहे हैं। दूसरी ओर ईरान ने बार-बार ये कहा है कि उसका परमाणु बम बनाने का कोई इरादा नहीं है। इस मुद्दे पर बीते कुछ हफ्तों में ईरान और अमेरिकी अधिकारियों की बीच कई बैठकें हुई हैं। इन बैठकों का मकसद बातचीत के जरिए इस मुद्दे का हल निकालना है।
IAEA की ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रिपोर्टअंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि ईरान के पास 60 प्रतिशत शुद्धता तक समृद्ध 400 किलोग्राम से ज्यादा यूरेनियम है। यूरेनियम को हथियार-ग्रेड यूरेनियम बनने के लिए 90 प्रतिशत शुद्धता तक पहुंचने की जरूरत है। इसमें ध्यान देने की बात ये है कि 60 फीसदी का आंकड़ा नागरिक परमाणु ऊर्जा और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए जरूरी शुद्धता के स्तर से काफी ऊपर है।
IAEA ने कहा है कि यूरेनियम को और ज्यादा परिष्कृत किया जाता है तो यह 10 परमाणु हथियार बना सकता है। इससे ईरान इतनी उच्च स्तर पर यूरेनियम का उत्पादन करने वाला एकमात्र गैर-परमाणु सशस्त्र देश बन जाएगा। IAEA की यह रिपोर्ट अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों के लिए ईरान पर दबाव बनाने का काम कर सकती है।
अमेरिका से समझौता का प्रस्ताव मिलने पर ईरान ने स्पष्ट किया कि ओमान के विदेश मंत्री बदर अलबुसैदी ने तेहरान की अपनी छोटी यात्रा के दौरान अमेरिका के इस समझौते के बारे में जानकारी दी। ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु वार्ता की मध्यस्थता ओमान कर रहा है। ईरान के विदेश मंत्री अराघची ने कहा है कि अमेरिकी प्रस्ताव का जवाब ईरानियों के सिद्धांतों और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर दिया जाएगा।
ईरान के लिए समझौता मानना फायदे का सौदावाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने शनिवार को कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पश्चिम एशिया के विशेष दूत स्टीव विटकोफ ने ईरान को 'विस्तृत और स्वीकार्य' प्रस्ताव भेजा है। तेहरान के लिए इस समझौते को स्वीकारना बेहद फायदे का सौदा होगा। राष्ट्रपति ट्रंप स्पष्ट कर चुके हैं कि ईरान कभी भी परमाणु बम नहीं बना सकता है।' इस समझौते के विवरण का खुलासा नहीं किया गया है।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिमी देश और अमेरिका काफी समय से चिंता जताते रहे हैं। दूसरी ओर ईरान ने बार-बार ये कहा है कि उसका परमाणु बम बनाने का कोई इरादा नहीं है। इस मुद्दे पर बीते कुछ हफ्तों में ईरान और अमेरिकी अधिकारियों की बीच कई बैठकें हुई हैं। इन बैठकों का मकसद बातचीत के जरिए इस मुद्दे का हल निकालना है।
IAEA की ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रिपोर्टअंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि ईरान के पास 60 प्रतिशत शुद्धता तक समृद्ध 400 किलोग्राम से ज्यादा यूरेनियम है। यूरेनियम को हथियार-ग्रेड यूरेनियम बनने के लिए 90 प्रतिशत शुद्धता तक पहुंचने की जरूरत है। इसमें ध्यान देने की बात ये है कि 60 फीसदी का आंकड़ा नागरिक परमाणु ऊर्जा और अनुसंधान उद्देश्यों के लिए जरूरी शुद्धता के स्तर से काफी ऊपर है।
IAEA ने कहा है कि यूरेनियम को और ज्यादा परिष्कृत किया जाता है तो यह 10 परमाणु हथियार बना सकता है। इससे ईरान इतनी उच्च स्तर पर यूरेनियम का उत्पादन करने वाला एकमात्र गैर-परमाणु सशस्त्र देश बन जाएगा। IAEA की यह रिपोर्ट अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों के लिए ईरान पर दबाव बनाने का काम कर सकती है।
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