जशपुर: छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में भीषण बारिश हो रही है। भीषण बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी-नाले उफान पर हैं तो कई जगहों पर पुल टूट गए हैं। जिस कारण से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जशपुर जिले के सुदूर गांव से मानवता और सेवा की मिसाल सामने आई है। मनोरा विकासखंड के सोनक्यारी (सतालूटोली) ग्राम पंचायत की मितानिन (महिला कार्यकर्ता) ने वनप्रसूता को पीठ पर लादकर नदी पार कराया है।
पीठपर लादकर पार कराई नदी
मितानिन बिफनी बाई ने एक नवप्रसूता को अपनी पीठ पर लादकर नदी पार कर अस्पताल पहुंचाया। कठिन परिस्थितियों के बीच भी मितानिन ने अपना कर्तव्य पूरा करने से इंकार नहीं किया। बताया जा रहा है कि गांव से अस्पताल की दूरी करीब 1 किलोमीटर में ज्यादा है।
पुलिया टूटने से नहीं पहुंची एंबुलेंस
दरअसल, संगीता बाई नाम की महिला अपने मायके सतालूटोली गांव में थी। वह गर्भवती थी। चार दिन पहले पर जांच कराने अस्पताल गई थी लेकिन स्थानीय डॉक्टरों ने कहा कि अभी डिलेवरी का समय नहीं आया है जिसके बाद उसे घर भेज दिया गया। बुधवार रात में अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। वहीं, दूसरी तरफ लगातार बारिश के कारण गांव को जोड़ने वाली पुलिया बह गई जिस कारण से एम्बुलेंस घर तक नहीं पहुंच सकी।
घर में कराई डिलेवरी
जिसके बाद परिजनों ने इसकी सूचना मितानिन बिफनी बाई को दी। बिफनी बाई ने घर में ही सुरक्षित प्रसव कराया और गुरुवार को परिवार के लोगों के साथ बीफनी बाई, संगीता को अपनी पीठ पर लादकर नदी पार करते हुए लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोनक्यारी लेकर पहुंची।
दोनों पूरी तरह स्वस्थ्य
जशपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीएस जात्रा ने बताया, संगीता बाई अपने मायके एक बच्चे को जन्म दिया है। बारिश के कारण नदी में बना पुल बह गया जिस कारण से एंबुलेंस घर तक नहीं पहुंच सकी। एक मितानिन ने जच्चा-बच्चा को प्राथमिक जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया। दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि मितानिन ने बहादुरी दिखाई है।
पीठपर लादकर पार कराई नदी
मितानिन बिफनी बाई ने एक नवप्रसूता को अपनी पीठ पर लादकर नदी पार कर अस्पताल पहुंचाया। कठिन परिस्थितियों के बीच भी मितानिन ने अपना कर्तव्य पूरा करने से इंकार नहीं किया। बताया जा रहा है कि गांव से अस्पताल की दूरी करीब 1 किलोमीटर में ज्यादा है।
पुलिया टूटने से नहीं पहुंची एंबुलेंस
दरअसल, संगीता बाई नाम की महिला अपने मायके सतालूटोली गांव में थी। वह गर्भवती थी। चार दिन पहले पर जांच कराने अस्पताल गई थी लेकिन स्थानीय डॉक्टरों ने कहा कि अभी डिलेवरी का समय नहीं आया है जिसके बाद उसे घर भेज दिया गया। बुधवार रात में अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। वहीं, दूसरी तरफ लगातार बारिश के कारण गांव को जोड़ने वाली पुलिया बह गई जिस कारण से एम्बुलेंस घर तक नहीं पहुंच सकी।
घर में कराई डिलेवरी
जिसके बाद परिजनों ने इसकी सूचना मितानिन बिफनी बाई को दी। बिफनी बाई ने घर में ही सुरक्षित प्रसव कराया और गुरुवार को परिवार के लोगों के साथ बीफनी बाई, संगीता को अपनी पीठ पर लादकर नदी पार करते हुए लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सोनक्यारी लेकर पहुंची।
दोनों पूरी तरह स्वस्थ्य
जशपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीएस जात्रा ने बताया, संगीता बाई अपने मायके एक बच्चे को जन्म दिया है। बारिश के कारण नदी में बना पुल बह गया जिस कारण से एंबुलेंस घर तक नहीं पहुंच सकी। एक मितानिन ने जच्चा-बच्चा को प्राथमिक जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया। दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि मितानिन ने बहादुरी दिखाई है।