रामबाबू मित्तल, मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के बुढ़ाना क्षेत्र में स्थित डीएवी कॉलेज शनिवार को कॉलेज परिसर में एक छात्र ने पेट्रोल छिड़क कर खुद को आग लगा ली। बताया जा रहा है कि बीए थर्ड सेमेस्टर के छात्र उज्जवल राणा ने फीस के लिए किए जा रहे लगातार दबाव और कॉलेज प्रशासन की प्रताड़ना से तंग आकर यह खौफनाक कदम उठाया। कॉलेज में 7000 रुपये फीस जमा करना था, जिसमें से छात्र ने 1750 रुपये ही जमा किए थे। बाकी 5250 रुपये को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा था।
घटना कॉलेज परिसर के अंदर की है, जहां उज्जवल ने अचानक अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। मौके पर मौजूद छात्रों में अफरा-तफरी मच गई। साथी छात्रों ने अपने बैग से आग बुझाने की कोशिश की और किसी तरह आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक उज्जवल बुरी तरह झुलस चुका था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गंभीर अवस्था में सीएचसी बुढ़ाना पहुंचाया, जहां से डॉक्टरों ने मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
वायरल वीडियो ने खोली सच्चाई की परतें
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान छात्रों ने घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह छात्र आग की लपटों से घिरा हुआ है और बाकी छात्र उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं। घायल उज्जवल राणा की फीस को लेकर कॉलेज प्रशासन से विवाद चल रहा था। कॉलेज में 7,000 रुपये फीस जमा करनी थी, जिसमें से छात्र ने 1,750 रुपये ही जमा किए थे। बाकी 5,250 रुपये को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा था।
इसी तनाव में उज्जवल ने घटना से एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट की थी, जिसमें उसने कॉलेज प्रिंसिपल प्रदीप कुमार और कुछ पुलिसकर्मियों पर मारपीट और गाली-गलौज का आरोप लगाया था। उसने अपने वीडियो में कहा था- अगर मैं आत्महत्या करता हूं या मुझे कुछ होता है, तो इसके जिम्मेदार कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार और पुलिसकर्मी नंदकिशोर, धर्मवीर और विनीत होंगे।
परिजनों और ग्रामीणों ने कॉलेज गेट पर दिया धरना
घटना के बाद छात्र के परिजन और ग्रामीण कॉलेज गेट पर धरने पर बैठ गए। उज्जवल के दादा ने कहा, हमारा पोता गरीब परिवार से है, कुछ फीस बाकी थी। कॉलेज प्रशासन और टीचर लगातार दबाव डाल रहे थे। कल भी उसे मारा गया, उसने एसडीएम को शिकायत दी थी। आज फिर मारा-पीटा गया और पुलिस बुला ली गई। पुलिस और प्रिंसिपल दोनों ने मिलकर उसे इतना परेशान किया कि उसने आग लगा ली। परिजनों का कहना है कि छात्र 80% तक जल चुका है और जीवन-मृत्यु से जूझ रहा है। उन्होंने प्रिंसिपल, पीटीआई और शामिल पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
साथी छात्र का खुलासा: टीचर खड़े देखते रहे, किसी ने नहीं रोका
आग बुझाने वाले साथी छात्र शोभान ने बताया कि, उसे फीस और एग्जाम फॉर्म को लेकर बहुत मारा गया था। प्रिंसिपल ने पुलिस बुला ली थी और पुलिस वालों ने भी धमकाया। जब उसने पेट्रोल छिड़का, तो टीचर सामने खड़े थे लेकिन किसी ने उसके हाथ से माचिस तक नहीं छीनी। आग लगने के बाद आधा घंटा तड़पता रहा, फिर भी किसी ने अस्पताल नहीं पहुंचाया। बच्चे ही पानी और बैग लेकर दौड़े।
पुलिस बोली उकसाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
इस मामले में सीओ बुढ़ाना गजेंद्र पाल सिंह ने बताया, छात्र ने फीस विवाद के चलते जलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग लगा ली। उसे मेरठ रेफर किया गया है। इस पूरे मामले में जो भी लोग उसे आत्महत्या के लिए उकसाने में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
घटना कॉलेज परिसर के अंदर की है, जहां उज्जवल ने अचानक अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। मौके पर मौजूद छात्रों में अफरा-तफरी मच गई। साथी छात्रों ने अपने बैग से आग बुझाने की कोशिश की और किसी तरह आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक उज्जवल बुरी तरह झुलस चुका था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गंभीर अवस्था में सीएचसी बुढ़ाना पहुंचाया, जहां से डॉक्टरों ने मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
वायरल वीडियो ने खोली सच्चाई की परतें
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान छात्रों ने घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह छात्र आग की लपटों से घिरा हुआ है और बाकी छात्र उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं। घायल उज्जवल राणा की फीस को लेकर कॉलेज प्रशासन से विवाद चल रहा था। कॉलेज में 7,000 रुपये फीस जमा करनी थी, जिसमें से छात्र ने 1,750 रुपये ही जमा किए थे। बाकी 5,250 रुपये को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा था।
इसी तनाव में उज्जवल ने घटना से एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट की थी, जिसमें उसने कॉलेज प्रिंसिपल प्रदीप कुमार और कुछ पुलिसकर्मियों पर मारपीट और गाली-गलौज का आरोप लगाया था। उसने अपने वीडियो में कहा था- अगर मैं आत्महत्या करता हूं या मुझे कुछ होता है, तो इसके जिम्मेदार कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार और पुलिसकर्मी नंदकिशोर, धर्मवीर और विनीत होंगे।
परिजनों और ग्रामीणों ने कॉलेज गेट पर दिया धरना
घटना के बाद छात्र के परिजन और ग्रामीण कॉलेज गेट पर धरने पर बैठ गए। उज्जवल के दादा ने कहा, हमारा पोता गरीब परिवार से है, कुछ फीस बाकी थी। कॉलेज प्रशासन और टीचर लगातार दबाव डाल रहे थे। कल भी उसे मारा गया, उसने एसडीएम को शिकायत दी थी। आज फिर मारा-पीटा गया और पुलिस बुला ली गई। पुलिस और प्रिंसिपल दोनों ने मिलकर उसे इतना परेशान किया कि उसने आग लगा ली। परिजनों का कहना है कि छात्र 80% तक जल चुका है और जीवन-मृत्यु से जूझ रहा है। उन्होंने प्रिंसिपल, पीटीआई और शामिल पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
साथी छात्र का खुलासा: टीचर खड़े देखते रहे, किसी ने नहीं रोका
आग बुझाने वाले साथी छात्र शोभान ने बताया कि, उसे फीस और एग्जाम फॉर्म को लेकर बहुत मारा गया था। प्रिंसिपल ने पुलिस बुला ली थी और पुलिस वालों ने भी धमकाया। जब उसने पेट्रोल छिड़का, तो टीचर सामने खड़े थे लेकिन किसी ने उसके हाथ से माचिस तक नहीं छीनी। आग लगने के बाद आधा घंटा तड़पता रहा, फिर भी किसी ने अस्पताल नहीं पहुंचाया। बच्चे ही पानी और बैग लेकर दौड़े।
पुलिस बोली उकसाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
इस मामले में सीओ बुढ़ाना गजेंद्र पाल सिंह ने बताया, छात्र ने फीस विवाद के चलते जलनशील पदार्थ डालकर खुद को आग लगा ली। उसे मेरठ रेफर किया गया है। इस पूरे मामले में जो भी लोग उसे आत्महत्या के लिए उकसाने में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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