नई दिल्ली: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। इसकी एक सहायक कंपनी रिलायंस एनयू एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड ( Reliance NU Energies Pvt Ltd) ने एसजेवीएन लिमिटेड के एक खास टेंडर में सबसे बड़ी जीत हासिल की है। यह टेंडर 1500 MW/6000 MWh फर्म एंड डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (FDRE) के लिए था। कंपनी ने इस नीलामी में 750 MW/3000 MWh की सबसे बड़ी हिस्सेदारी जीती है। उन्होंने यह बिजली 6.74 रुपये प्रति kWh की बहुत ही प्रतिस्पर्धी दर पर हासिल की है।
यह टेंडर सरकारी कंपनी एसजेवीएन ने जारी किया था। इसका मकसद हाइब्रिड और स्टोरेज वाली प्रणालियों के जरिए चौबीसों घंटे चलने वाली नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति को बढ़ावा देना है। इस ई-ऑक्शन में 14 कंपनियों ने हिस्सा लिया और यह 3.3 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ, जिससे फर्म रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में इंडस्ट्री की गहरी रुचि का पता चलता है।
क्या है प्रोजेक्ट का मकसद?इस प्रोजेक्ट के तहत बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को हाइब्रिड सिस्टम के जरिए डिस्पैचेबल रिन्यूएबल पीकिंग पावर सप्लाई की जाएगी। इस सिस्टम में लगभग 900 MWp सोलर क्षमता और 3000 MWh से ज्यादा की बैटरी एनर्जी स्टोरेज (BESS) शामिल होगी। बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम का मतलब है कि बिजली को बैटरी में स्टोर किया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सके।
रिलायंस ग्रुप ने पाया यह खास मुकामइस जीत के साथ रिलायंस ग्रुप भारत में सोलर-प्लस-स्टोरेज सेगमेंट में सबसे बड़ा खिलाड़ी बन गया है। उनके पास अब चार टेंडरों में कुल 4 GWp से ज्यादा की सोलर क्षमता और 6.5 GWh की BESS है, जिन पर काम चल रहा है।
कंपनी ने बताया कि यह उपलब्धि उन्होंने सिर्फ 10 महीनों में हासिल की है। यह उनकी काम करने की क्षमता और भारत के ऊर्जा परिवर्तन (energy transition) और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है। ऊर्जा परिवर्तन का मतलब है जीवाश्म ईंधन से हटकर स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ना।
क्या कंपनी को मिलेगी राहत?कंपनी इस समय फर्जी बैंक गारंटी मामले में ईडी की जांच से गुजर रही है। अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग और लोन धोखाधड़ी के आरोप हैं। एजेंसी ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में एक अलग कथित बैंक लोन धोखाधड़ी के संबंध में अंबानी को 14 नवंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है। इस महीने की शुरुआत में ईडी ने 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी। इस नई डील से कंपनी को कुछ राहत मिलेगी।
शेयर में आई गिरावटरिलायंस पावर के लिए यह टेंडर काफी खास है। इसके बाद भी कंपनी के शेयर में गिरावट आई है। एक दिन पहले यानी सोमवार को इसमें 8 फीसदी की तेजी आई थी। सोमवार को यह शेयर 41.13 रुपये पर बंद हुआ था। आज मंगलवार को यह गिरावट के साथ 40.70 रुपये पर खुला। दोपहर 2 बजे यह करीब डेढ़ फीसदी की गिरावट के साथ 40.52 रुपये पर कारोबार कर रहा था। हालांकि दो बजे तक कारोबार के दौरान यह 41.75 रुपये पर पहुंच गया था, लेकिन बाद में इसमें गिरावट आ गई।
यह टेंडर सरकारी कंपनी एसजेवीएन ने जारी किया था। इसका मकसद हाइब्रिड और स्टोरेज वाली प्रणालियों के जरिए चौबीसों घंटे चलने वाली नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति को बढ़ावा देना है। इस ई-ऑक्शन में 14 कंपनियों ने हिस्सा लिया और यह 3.3 गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ, जिससे फर्म रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में इंडस्ट्री की गहरी रुचि का पता चलता है।
क्या है प्रोजेक्ट का मकसद?इस प्रोजेक्ट के तहत बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को हाइब्रिड सिस्टम के जरिए डिस्पैचेबल रिन्यूएबल पीकिंग पावर सप्लाई की जाएगी। इस सिस्टम में लगभग 900 MWp सोलर क्षमता और 3000 MWh से ज्यादा की बैटरी एनर्जी स्टोरेज (BESS) शामिल होगी। बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम का मतलब है कि बिजली को बैटरी में स्टोर किया जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सके।
रिलायंस ग्रुप ने पाया यह खास मुकामइस जीत के साथ रिलायंस ग्रुप भारत में सोलर-प्लस-स्टोरेज सेगमेंट में सबसे बड़ा खिलाड़ी बन गया है। उनके पास अब चार टेंडरों में कुल 4 GWp से ज्यादा की सोलर क्षमता और 6.5 GWh की BESS है, जिन पर काम चल रहा है।
कंपनी ने बताया कि यह उपलब्धि उन्होंने सिर्फ 10 महीनों में हासिल की है। यह उनकी काम करने की क्षमता और भारत के ऊर्जा परिवर्तन (energy transition) और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है। ऊर्जा परिवर्तन का मतलब है जीवाश्म ईंधन से हटकर स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ना।
क्या कंपनी को मिलेगी राहत?कंपनी इस समय फर्जी बैंक गारंटी मामले में ईडी की जांच से गुजर रही है। अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग और लोन धोखाधड़ी के आरोप हैं। एजेंसी ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में एक अलग कथित बैंक लोन धोखाधड़ी के संबंध में अंबानी को 14 नवंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है। इस महीने की शुरुआत में ईडी ने 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी। इस नई डील से कंपनी को कुछ राहत मिलेगी।
शेयर में आई गिरावटरिलायंस पावर के लिए यह टेंडर काफी खास है। इसके बाद भी कंपनी के शेयर में गिरावट आई है। एक दिन पहले यानी सोमवार को इसमें 8 फीसदी की तेजी आई थी। सोमवार को यह शेयर 41.13 रुपये पर बंद हुआ था। आज मंगलवार को यह गिरावट के साथ 40.70 रुपये पर खुला। दोपहर 2 बजे यह करीब डेढ़ फीसदी की गिरावट के साथ 40.52 रुपये पर कारोबार कर रहा था। हालांकि दो बजे तक कारोबार के दौरान यह 41.75 रुपये पर पहुंच गया था, लेकिन बाद में इसमें गिरावट आ गई।
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