इस्लामाबाद: भारत के साथ तनाव के बीच अमेरिका का ट्रंप प्रशासन ने एक बार फिर पाकिस्तान की तारीफ की है। दिलचस्प बात ये है कि ये तारीफ आतंकवादी संगठनों से लड़ने में पाकिस्तान की निरंतर सफलता के लिए की गई है। अमेरिका अब आतंक के आका के साथ आतंकवाद को रोकने के लिए चर्चा कर रहा है। मंगलवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान-अमेरिका आतंकवाद-रोधी वार्ता का आयोजन इसका स्पष्ट प्रमाण है। इसके बाद दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें आतंकवाद का मुकाबला करने की प्रतिबद्धता जताई गई। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने पहलगाम हमले के आतंकवादियों के पाकिस्तानी संबंध के पुख्ता सबूत दुनिया के सामने रखे हैं।
अमेरिका ने की पाकिस्तान की तारीफ
संयुक्त बयान में कहा गया, 'अमेरिका क्षेत्र और दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने में पाकिस्तान की निरंतर सफलता की सराहना करता है।' पाकिस्तान की तारीफ तब की गई है, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने पाकिस्तानी जमीन से संचालित होने वाले लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी द रेजिस्टेंस फ्रंट(TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामिक वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किया था।
कश्मीर के पहलगाम हमले को इसी टीआरएफ ने अंजाम दिया था। जब हमले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने निंदा की थी, लेकिन उस समय टीआरएफ का नाम बयान से हटवाने के लिए पाकिस्तान ने पूरी ताकत झोंक दी थी। इसकी पुष्टि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में की थी। आज अमेरिका उसी पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए तारीफ कर रहा है।
बीएलएल और टीटीपी के खिलाफ तैयारी
आतंकवाद-विरोधी वार्ता की सह-अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के विशेष सचिव नबील मुनीर और अमेरिकी विदेश विभाग के आतंकवाद-रोधी कार्यवाहक कोऑर्डिनेटर ग्रेगरी डी लोगेरफो ने की। बयान में जो बात महत्वपूर्ण थी, वह यह थी कि पहली बार अमेरिका ने प्रतिबंधित BLA और टीटीपी जैसे समूहों से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की। इसमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, आईएसआईएस-खुरासान (ISIS-K) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का भी जिक्र किया गया और कहा गया कि उनकी गतिविधियां पाकिस्तान के लिए आतंकवादी खतरा हैं।
संयुक्त बयान में BLA का जिक्र पाकिस्तान की जीत
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच पहले भी काउंटर-टेररिज्म वार्ता हुई है, लेकिन इससे पहले संयुक्त बयान में BLA का जिक्र कभी नहीं हुआ था। इसे पाकिस्तान की कूटनीतिक जीत के रूप देखा जा रहा है। इस बयान के एक दिन पहले ही अमेरिका ने बीएलए और उसके प्रॉक्सी मजीद ब्रिगेट को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। बीएलए को आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में डाला जाना बलूचिस्तान के अलगाववादी आंदोलन के लिए झटका माना जा रहा है।
अमेरिका ने की पाकिस्तान की तारीफ
संयुक्त बयान में कहा गया, 'अमेरिका क्षेत्र और दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने में पाकिस्तान की निरंतर सफलता की सराहना करता है।' पाकिस्तान की तारीफ तब की गई है, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने पाकिस्तानी जमीन से संचालित होने वाले लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी द रेजिस्टेंस फ्रंट(TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामिक वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किया था।
कश्मीर के पहलगाम हमले को इसी टीआरएफ ने अंजाम दिया था। जब हमले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने निंदा की थी, लेकिन उस समय टीआरएफ का नाम बयान से हटवाने के लिए पाकिस्तान ने पूरी ताकत झोंक दी थी। इसकी पुष्टि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में की थी। आज अमेरिका उसी पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए तारीफ कर रहा है।
बीएलएल और टीटीपी के खिलाफ तैयारी
आतंकवाद-विरोधी वार्ता की सह-अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के विशेष सचिव नबील मुनीर और अमेरिकी विदेश विभाग के आतंकवाद-रोधी कार्यवाहक कोऑर्डिनेटर ग्रेगरी डी लोगेरफो ने की। बयान में जो बात महत्वपूर्ण थी, वह यह थी कि पहली बार अमेरिका ने प्रतिबंधित BLA और टीटीपी जैसे समूहों से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की। इसमें बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, आईएसआईएस-खुरासान (ISIS-K) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का भी जिक्र किया गया और कहा गया कि उनकी गतिविधियां पाकिस्तान के लिए आतंकवादी खतरा हैं।
संयुक्त बयान में BLA का जिक्र पाकिस्तान की जीत
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच पहले भी काउंटर-टेररिज्म वार्ता हुई है, लेकिन इससे पहले संयुक्त बयान में BLA का जिक्र कभी नहीं हुआ था। इसे पाकिस्तान की कूटनीतिक जीत के रूप देखा जा रहा है। इस बयान के एक दिन पहले ही अमेरिका ने बीएलए और उसके प्रॉक्सी मजीद ब्रिगेट को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। बीएलए को आतंकवादी संगठनों की लिस्ट में डाला जाना बलूचिस्तान के अलगाववादी आंदोलन के लिए झटका माना जा रहा है।
You may also like
Aaj ka Mesh Rashifal 14 August 2025 : मेष राशि का आज का भाग्यफल जोश और आत्मविश्वास चरम पर, पर ये गलती न करें
तिरंगे को देखकर हर भारतीय के दिल में गर्व की अनुभूति होती है: जीत अदाणी
डीडीयू रेलवे स्टेशन से दो संदिग्ध गिरफ्तार, चार लाख से अधिक के जेवर बरामद
सड़क दुर्घटना में चार लोगों की मौत
War 2: Hrithik Roshan की फिल्म ने पहले दिन 155,000 टिकटों की बिक्री की