कांगड़ा   :   हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ यूपी स्टाइल ऐक्शन देखने को मिला है। कांगड़ा जिले के नूरपुर में पुलिस ने   चिट्टा तस्करों के अवैध मकानों पर बुलडोजर चलाया और सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराया। उप-तहसील नंगल क्षेत्र के श्याम भटेरियां गांव में चिट्टा (हेरोइन) तस्करी से जुड़े आरोपियों द्वारा बनाए गए आलीशान मकानों पर पुलिस ने बुलडोज़र चला दिया। यह कार्रवाई पुलिस और राजस्व विभाग के संयुक्त सहयोग से की गई, जिसके तहत सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों को पूरी तरह ध्वस्त किया गया।   
   
   
आरोपियों के मकानों को गिराया गया
नूरपुर के एसपी अशोक रत्न ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन आरोपियों के मकानों को गिराया गया है, वे सभी एनडीपीएसएक्ट के तहत कई मामलों में संलिप्त हैं। जांच में यह भी सामने आया कि इन मकानों का निर्माण नशे के पैसों से किया गया था और ये सभी मकान सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करके बनाए गए थे। आरोपियों की पहचान सोनिया पत्नी नरेंद्र कुमार, महिला परमजीत, दीपक और बुआ दास के रूप में हुई है। ये सभी भदरोया क्षेत्र के रहने वाले हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, इन सभी के खिलाफ हिमाचल प्रदेश और पंजाब में कुल 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें अधिकांश नशा तस्करी और अवैध संपत्ति से संबंधित हैं।
     
   
काले धन से आलीशान घर खड़े किए
एसपी अशोक रत्न ने बताया कि वित्तीय जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि आरोपितों ने नशे के कारोबार से कमाए गए काले धन से आलीशान घर खड़े किए थे। इस पर पुलिस ने राजस्व विभाग और उप-तहसील नंगल प्रशासन के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम, 1954 की धारा 163 के तहत कार्रवाई की। भूमि अधिकरण द्वारा जारी वारंट ऑफ इजेक्टमेंट के आधार पर इन अवैध कब्जों को हटाया गया। 25 अक्तूबर को पुलिस की टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में कार्रवाई करते हुए मकानों को खाली करवाया और कब्जाई गई सरकारी भूमि को मुक्त कराया। पुलिस ने मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे ताकि किसी तरह की कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े।
   
  
आरोपियों के मकानों को गिराया गया
नूरपुर के एसपी अशोक रत्न ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन आरोपियों के मकानों को गिराया गया है, वे सभी एनडीपीएसएक्ट के तहत कई मामलों में संलिप्त हैं। जांच में यह भी सामने आया कि इन मकानों का निर्माण नशे के पैसों से किया गया था और ये सभी मकान सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करके बनाए गए थे। आरोपियों की पहचान सोनिया पत्नी नरेंद्र कुमार, महिला परमजीत, दीपक और बुआ दास के रूप में हुई है। ये सभी भदरोया क्षेत्र के रहने वाले हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, इन सभी के खिलाफ हिमाचल प्रदेश और पंजाब में कुल 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें अधिकांश नशा तस्करी और अवैध संपत्ति से संबंधित हैं।
काले धन से आलीशान घर खड़े किए
एसपी अशोक रत्न ने बताया कि वित्तीय जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि आरोपितों ने नशे के कारोबार से कमाए गए काले धन से आलीशान घर खड़े किए थे। इस पर पुलिस ने राजस्व विभाग और उप-तहसील नंगल प्रशासन के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम, 1954 की धारा 163 के तहत कार्रवाई की। भूमि अधिकरण द्वारा जारी वारंट ऑफ इजेक्टमेंट के आधार पर इन अवैध कब्जों को हटाया गया। 25 अक्तूबर को पुलिस की टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में कार्रवाई करते हुए मकानों को खाली करवाया और कब्जाई गई सरकारी भूमि को मुक्त कराया। पुलिस ने मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे ताकि किसी तरह की कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े।
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