नर्मदापुरम: नर्मदापुरम जिले के पचमढ़ी में इन दिनों प्रकृति, आस्था और भक्तों का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। यहां नागद्वारी मेला चल रहा है, जिसमें तीन लाख से ज़्यादा श्रद्धालु पद्मशेष नागद्वार गुफा के दर्शन कर चुके हैं। सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में नागद्वारी यात्रा के दौरान पहाड़ों, नदियों और झरनों में "हर हर महादेव" की गूंज सुनाई दे रही है। प्रशासन मेले में भक्तों की सुविधा के लिए हर संभव व्यवस्था कर रहा है। महाराष्ट्र के कई सेवा मंडल भी यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
पचमढ़ी में इन दिनों एक अद्भुत नज़ारा है। यहां प्रकृति की सुंदरता, लोगों की आस्था और भक्तों का हुजूम एक साथ मिल गए हैं। पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। यहां नागद्वारी मेला चल रहा है। इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं। वे पद्मशेष नागद्वार गुफा के दर्शन कर रहे हैं। भक्तों का उत्साह इतना ज़्यादा है कि उन्हें ये मुश्किल रास्ते भी आसान लग रहे हैं। पचमढ़ी मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है। यहां इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना और कठिन रास्तों को पार करके अपने भगवान के दर्शन करना, पचमढ़ी को एक देवभूमि जैसा बना रहा है। ऐसा लग रहा है कि पचमढ़ी सिर्फ एक सुंदर जगह नहीं है, बल्कि एक पवित्र स्थान भी है।
बड़े अधिकारी लगातार ले रहे जायजा
जिला पंचायत सीईओ और महादेव मेला समिति के अध्यक्ष सोजान सिंह रावत, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी नर्मदापुरम डीके सिंह, एसडीएम पिपरिया और सचिव महादेव मेला समिति अनीशा श्रीवास्तव लगातार मेले की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। वे अस्थाई बस स्टैंड, झंडा चौक, जलगली और कालाझाड का निरीक्षण कर रहे हैं। वे अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दे रहे हैं कि भक्तों को हर संभव मदद मिलनी चाहिए। इसके अलावा, मुख्य कंट्रोल रूम से भी पूरे मेले पर नजर रखी जा रही है।
सजगता से लगा हुआ है प्रशासन
प्रशासन नागद्वारी मेले में हर तरह की व्यवस्था कर रहा है। जगह-जगह पर पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात हैं। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भी 24 घंटे मेले में मौजूद है। लगातार बारिश की वजह से कई जगह रास्ते खराब हो गए हैं। लोक निर्माण विभाग जेसीबी मशीनों की मदद से सड़कों और अन्य जगहों की मरम्मत कर रहा है, ताकि लोगों को आने-जाने में परेशानी न हो। होमगार्ड के जवान पूरे नागद्वारी ट्रैक पर तैनात हैं और भक्तों को मुश्किल रास्तों को पार करने में मदद कर रहे हैं।
44 मंडल दे रहे सेवाएं
कई मंडलों ने भी मेले में व्यवस्था की है और श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं। इससे नागद्वारी मेला भक्ति और सेवा का एक अनूठा उदाहरण बन गया है। नागपंचमी मेले में महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों से सेवा मंडल पचमढ़ी आते हैं। इस साल 44 मंडल अपनी सेवाएं देने के लिए पचमढ़ी आए हैं। नागपंचमी मेला श्रावण मास में लगता है। यह मेला वन अभ्यारण के अंदर लगता है, इसलिए यह जगह पूरे साल बंद रहती है। नागपंचमी मेले से 10 दिन पहले ही इसे खोला जाता है।
पचमढ़ी में इन दिनों एक अद्भुत नज़ारा है। यहां प्रकृति की सुंदरता, लोगों की आस्था और भक्तों का हुजूम एक साथ मिल गए हैं। पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। यहां नागद्वारी मेला चल रहा है। इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं। वे पद्मशेष नागद्वार गुफा के दर्शन कर रहे हैं। भक्तों का उत्साह इतना ज़्यादा है कि उन्हें ये मुश्किल रास्ते भी आसान लग रहे हैं। पचमढ़ी मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है। यहां इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना और कठिन रास्तों को पार करके अपने भगवान के दर्शन करना, पचमढ़ी को एक देवभूमि जैसा बना रहा है। ऐसा लग रहा है कि पचमढ़ी सिर्फ एक सुंदर जगह नहीं है, बल्कि एक पवित्र स्थान भी है।
बड़े अधिकारी लगातार ले रहे जायजा
जिला पंचायत सीईओ और महादेव मेला समिति के अध्यक्ष सोजान सिंह रावत, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी नर्मदापुरम डीके सिंह, एसडीएम पिपरिया और सचिव महादेव मेला समिति अनीशा श्रीवास्तव लगातार मेले की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। वे अस्थाई बस स्टैंड, झंडा चौक, जलगली और कालाझाड का निरीक्षण कर रहे हैं। वे अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दे रहे हैं कि भक्तों को हर संभव मदद मिलनी चाहिए। इसके अलावा, मुख्य कंट्रोल रूम से भी पूरे मेले पर नजर रखी जा रही है।
सजगता से लगा हुआ है प्रशासन
प्रशासन नागद्वारी मेले में हर तरह की व्यवस्था कर रहा है। जगह-जगह पर पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात हैं। किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम भी 24 घंटे मेले में मौजूद है। लगातार बारिश की वजह से कई जगह रास्ते खराब हो गए हैं। लोक निर्माण विभाग जेसीबी मशीनों की मदद से सड़कों और अन्य जगहों की मरम्मत कर रहा है, ताकि लोगों को आने-जाने में परेशानी न हो। होमगार्ड के जवान पूरे नागद्वारी ट्रैक पर तैनात हैं और भक्तों को मुश्किल रास्तों को पार करने में मदद कर रहे हैं।
44 मंडल दे रहे सेवाएं
कई मंडलों ने भी मेले में व्यवस्था की है और श्रद्धालुओं की मदद कर रहे हैं। इससे नागद्वारी मेला भक्ति और सेवा का एक अनूठा उदाहरण बन गया है। नागपंचमी मेले में महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों से सेवा मंडल पचमढ़ी आते हैं। इस साल 44 मंडल अपनी सेवाएं देने के लिए पचमढ़ी आए हैं। नागपंचमी मेला श्रावण मास में लगता है। यह मेला वन अभ्यारण के अंदर लगता है, इसलिए यह जगह पूरे साल बंद रहती है। नागपंचमी मेले से 10 दिन पहले ही इसे खोला जाता है।
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